यूपी न्यूज
यूपी : बागपत जिले में धूमधाम से मनाया गया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मोत्सव,,,।
बागपत में धूमधाम से मनाया गया डा भीमराव आम्बेडकर का जन्मोत्सव,,,,,,,
- भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ समाज में महत्वूपर्ण भूमिका अदा करने वाली शख्सियतों को किया गया सम्मानित,,,,,,,।
एजेंसी डेस्क : बागपत, ब्यूरो।उत्तर प्रदेश। रिपोर्ट::विवेक जैन।
बागपत जिले में इंसानियत को गौरवान्वित करने वाले डा. बाबा साहब भीमराव रामजीअम्बेडकर का 132 वां जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
पुराना कस्बा बागपत स्थित अम्बेडकर भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में जनपद बागपत की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की, और डा.बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर के महान व्यक्तित्व और महानता से लोगों को अवगत कराया।
प्रमुख समाजसेवी यशपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान भारत में 20 करोड़ से अधिक लोग जो एक इंसान का जीवन जी रहे है वह डा. बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर की ही देन है। वह हमारे भगवान है।
उन्होंने हमे बताया कि जिस समय देश आजाद हुआ उस समय हमें अछूत माना जाता था। खुद डा. भीमराव अम्बेडकर ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि वे स्कूल की कक्षा में उच्च जाति के बच्चों से अलग एक कोने में बोरे पर बैठते थे और वह बोरा भी वह खुद लाते थे। जिसको स्कूल का कर्मचारी भी हाथ नही लगाता था। स्कूल में पानी पीना हो तो वह नल या मटके को हाथ नही लगा सकते थे। स्कूल का चपरासी ही पानी पिलवाता था। अगर स्कूल में चपरासी नही हुआ तो उसके आने तक इंतजार करना होता था। धोबी कपडे नही धोता था, नाई बाल नही काटता था। बताया कि वह एक ऐसा दौर था, जिसमें ऊॅंच-नीच, जात-पात, और छुआछुत जैसी कुरीतियां अपने चरमसीमा पर थी और हमारे लिए अधिकांश मंदिरो तक में प्रवेश तक वर्जित था। उस समय हम लोगों की स्थिति बद से बदतर थी।
देश को आजाद कराने में तन-मन-धन से महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के बाबजूद हमें उस दौर में इंसान तो बिल्कुल भी नही समझा जाता था। ऐसे कठिन समय में डा बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर दलितों, पिछड़ों, पीड़ितों के मुक्तिदाता और मसीहा बनकर अवतरित हुए। उन्होंने हमें मुख्य धारा में लाने के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। और कहा कि बाबा साहब के जन्मदिन के इस पवित्र व पावन दिन हम सब संकल्प ले कि हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर डा. बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर जैसी अनेकों महान शख्सियतों को तैयार करना है, जिन्हे दुनिया सलाम करे। कहा कि हमें एकजुट रहना है, आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों की सहायता करनी है, अपने अतीत को नही भूलना है और डा बाबा साहब भीमराव रामजी आम्बेडकर के महान उपकारों को हमेशा याद रखना है जिससे आने वाली पीढ़ियां शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में और अधिक मेहनत कर हमारी कौम को और भी अधिक ताकत प्रदान करे और देश और दुनिया में कौम का नाम रोशन करें।
विवेक जैन ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि हमारी जाति में विश्वभर में पूजित एक से बढ़कर एक संत, ऋषि और महर्षि और विद्धान हुए है जो आज भी समस्त संसार के लिए वंदनीय और पूजनीय है। जो कि हमारी जाति की महानता को स्वयं सिद्ध करता है।
इस अवसर पर नवीन कुमार, नितिन कुमार, राकेश कुमार, बीडीओ राधेश्याम, मास्टर संजीव कुमार, सुरेश कुमार सीएमओ ऑफिस, प्रमुख सामाजिक कार्यकर्त्ता व नेशनल अवार्डी विपुल जैन, शीतल प्रसाद वाल्मीकि, दलीप सिंह, धीर सिंह, सिताब सिंह, जगमेल सिंह, सोनिया मैड़म, अजय कुमार, समीर, दीपक कुमार सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।