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अतीक के मुंह में फंसा रह गया वो 'राज,' अब उगलेंगे गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन, अगला नंबर होगा किसका ?
चकिया के चौधरी यानी माफिया डॉन अतीक अहमद को शनिवार रात पुलिस कस्टडी में मार डाला गया है। पहले उसके बेटे का एनकाउंटर हुआ फिर बीती रात संदिग्ध हालातों में अतीक और उसके भाई अशरफ की भी हत्या कर दी गई। यह सब कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? इन सवालों की तहकीकात में सूबे की सल्तनत से लेकर पूरा पुलिस महकमा और जांच कमेटियां जुटी हैं। जब रिपोर्ट आएगी तब आती रहेगी।
फिलहाल अब जब अतीक और अशरफ मारा जा चुका है तब ऐसे में बात करना जरूरी है, उस गुड्डू मुस्लिम की जो, करीब तीन दशक के दौरान लखनऊ से लेकर प्रयागराज के चकिया की चाकरी में ही मशरूफ होकर रह गया।वो गुड्डू मुस्लिम जिसके बारे में मुंह खोलने से ऐन टाइम पहले ही, शनिवार की रात करीब साढ़े दस बजे अतीक, अशरफ दोनो को खामोश कर दिया गया।
कह सकते हैं कि पुलिस और सूबे की सल्तनत के अब अगले निशाने पर जो गुड्डू मुस्लिम ही था, आखिर अतीक उसे लेकर ऐसा क्या खुलासा करने वाला था कि, मुहं खोलने से पहले ही सिर और बदन में गोलियां झोंक कर अतीक को हमेशा के लिए खामोश कर डाला गया?इस बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर इलाहाबाद जोन के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (अब प्रयागराज) और, 1998 बैच के रिटायर्ड आईपीएस आर. के. चतुर्वेदी ने रविवार को कहा, “परेशान होने की जरूरत नहीं है। अतीक क्या बोलना चाह रहा था, और वो मुंह खोल पाता उससे पहले ही उसे कत्ल कर डाला गया। अब ऐसा नहीं हैं कि उसकी मौत से आगे की कहानी पर विराम लग गया है। अतीक जो कुछ बोलना चाह रहा था पुलिस और वो सब उसकी फरार चल रही 50 हजार की इनामिया मुलजिम पत्नी शाइस्ता परवीन से उगलवा लेगी।
क्योंकि हाल-फिलहाल शाइस्ता ही एक वो राजदार है, जिसके पास अतीक का हर राज मौजूद है। बस, पुलिस की मुश्किल तभी तक है जब तक शाइस्ता परवीन हाथ नहीं लग रही हैं। जहां तक बात अगर गुड्डू मुस्लिम की करें तो वो, किसी का दोस्त किसी का दुश्मन नहीं है। वो पावर और पैसे के लिए, उन्हीं के पास काम करता है, जिसके पास पावर और पैसा मौजूद हो।”
“प्रयागराज में पैदा और लखनऊ में अपराध की शुरुआत करने वाले इसी गुड्डू मुस्लिम ने सबसे पहला अपराध माफिया डॉन धनंजय सिंह के लिए अंजाम दिया था। जब 1990 के दशक में गुड्डू मुस्लिम एक स्कूल हॉस्टल के भीतर घुसकर वहां के फिजिकल एजूकेशन टीचर को दिन-दहाड़े गोलियों से भून डाला था। उस हत्याकांड में धनंजय सिंह का नाम आया था। जिस फिजीकल टीचर को धनंजय सिंह के इशारे पर गुड्डू मुस्लिम ने मार डाला था, वो शख्स धनंजय सिंह का ही मुंह लगा था।
आपराधिक जीवन की शुरुआत के उस पहले हत्याकांड में गुड़्ड मुस्लिम गिरफ्तार हुआ। जेल भी गया था। बाद में जेल से आया तो वो कुछ वक्त धनंजयसिंह के लिए काम करता रहा, बाद में जैसा कि बदमाश-गुंडों की आदत होती है कि वे,पावर और पैसे वाले के सगे हो जाते हैं। सो गुड्डू मुस्लिम भी धनंजय सिंह का पल्लू छोड़कर, अतीकअहमद के पास जा पहुंचा अतीक अहमद को लगा कि गुड्डू मुस्लिम उसके काम का शूटर है। और पावर-पैसे का भूखा है।” मीडिया से बातचीत में यह सब बयान किया यूपी पुलिस के रिटा यर आईजी इंटेलीजेंस और1998 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी राम किशन चतुर्वेदी ने,,,,,।
गुड्डू मुस्लिम जब अतीक अहमद के लिए काम कर रहा था। उसका नाम खुलकर उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस में भी आ चुका है। तो फिर अभी तक जब असद, गुलाम सहित चार-चार शूटर (अतीक और अशरफ गुंडा ब्रदर्स को छोड़कर) निपटा डाले गए हों। तो फिर यह कैसे संभव है कि गुड्डू मुस्लिम यूपी पुलिस के हाथ ही नहीं लग रहा है ? मीडिया के इस सवाल के जवाब में प्रयागराज रेंज के पूर्व आईजी आर. के. चतुर्वेदी बोले, “चिंता मत करिए, अब अगला नंबर गुड्डू मुस्लिम का ही होगा, यह बात मैं 36-38 साल की पुलिस, जेल और आईपीएस की नौकरी के निजी अनुभव से कह सकता हूं।”
अतीक की मौत के बाद शाइस्ता परवीन (अतीक की फरार बीवी) या फिर गुड्डू मुस्लिम ही इस बात का जवाब सबसे बेहतर दे सकते है कि आखिर वो कौन सा राज था, जो गुड्डू मुस्लिम को लेकर अतीक अहमद ने मुंह खोला ही था कि, उसके भेजे में गोलियां झोंककर उसे हमेशा हमेशा के लिए मिट्टी में मिला डाला गया ? अतीक अहमद गुड्डू मुस्लिम को लेकर क्या बोलने वाला था ? वो राजफाश कर पाता उससे पहले ही निपटा दिया गया। इन सवालों के जवाब न तो फिलहाल पुलिस के पास हैं न ही शाइस्ता परवीन या गुड्डू मुस्लिम के अलावा किसी और के पास।”
एक सवाल के जवाब में प्रयाग राज रेंज के पूर्व महानिरीक्षक ने कहा, “वैसे मुझे पूरा अंदेशा है कि कहीं गुड्डू मुस्लिम डबलगेम न कर गया हो एक तरफ वो पावर और पैसा अतीकअहमद से ऐंठता रहा हो, दूसरी ओर वो किसी राइवल गैंग (अतीक के विरोधी गुट) के साथ भी न जा मिला हो, यह एक संभावना व्यक्त कर रहा हूं। ऐसा नहीं है कि ऐसा ही हुआ होगा। बहरहाल, मुझे पूरा विश्वास है कि अतीक और अशरफ के पुलिस कस्टडी में कत्ल के बाद, अब हालात अचानक काफी कुछ बदल चुके हैं। और ऐसे में अब पुलिस का निशाना शाइस्ता परवीन से पहले गुड्डू मुस्लिम की ओर ही होगा। क्योंकि वो भी अतीक का राजदार ही तो था। वरना वो उमेश पाल मर्डर कांड में क्यों सामने आया होता ?”
जब जो गुड्डू मुस्लिम अतीक और अशरफ के मारे जाने से चंद दिन पहले तक, उन्हीं के इशारे पर उमेशपाल ट्रिपल मर्डर कोअंजाम दिलाने में जुटा रहा हो, वो गुड्डू मुस्लिम अतीक अशरफ गुंडा कंपनी की खिलाफत कैसे और क्यों करेगा?पूछने पर यूपी पुलिस के रिटायर्ड महानिरीक्षक इंटेलीजेंस ने कहा, “बदमाश और बदमाशी की दुनिया में कोई किसी का दोस्त नहीं होता है, सब मतलब परस्त होते हैं, सब अपना अपना भला पहले देखते हैं। भले ही खुद का भला करने के लिए किसी अपने करीबी को ही क्यों न निपटा डालना हो। तो फिर गुड्डू मुस्लिम कैसे दूध का धुला हो सकता है ?”
“संभव है कि अतीक को अंधेरे में रखकर गुड्डू मुस्लिम एक तरफ उमेश पाल को निपटवाने में जुटा रहा हो और दूसरी ओर इसी मास्टरमाइंड ने अतीक अशरफ से भी चार कदम आगे की सोचकर, उन्हें भी निपटवाने का इंतजाम कर रखा था। दरअसल, यह तमाम शंका-आशंकाएं तभी सही गलत साबित होंगी जब, शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम हाथ न आ जाएं।”