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मुंह में माइक डालकर सवाल पूछोगे, अतीक के सवाल पर भड़के योगी के मंत्री नंद गोपाल नंदी,,,।
एजेंसी डेस्क : (प्रयागराज,ब्यूरो)।पुलिस कस्टडी में मारे गए,अतीक अहमद और अशरफ को लेकर पूछे गए सवाल पर योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी भड़क गए। गुरुवार को मिर्जापुर में एनडीए प्रत्याशी के नामांकन में पहुंचे नंदी से जब अतीक की हत्या को लेकर सवाल पूछा गया तो यहां तक कह दिया कि मुंह में माइक डालकर सवाल पूछोगे क्या ?
इससे पहले नंदी पर अतीक के परिवार ने कई आरोप लगाए थे। उन पर अतीक से पांच करोड़ रुपए उधार लेकर नहीं देने का आरोप है। नंदी और अतीक की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं।
नंदी गुरुवार को मिर्जापुर की छानबे सीट से भाजपा और अद की संयुक्त प्रत्याशी रिंकी कोल के नामांकन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने अतीक अहमद को लेकर सवाल पूछ दिया। पहले तो नंदी बिना जवाब दिए ही आगे बढ़ गए। जब मीडिया ने दोबारा अतीक और असद को लेकर सवाल पूछा तो झल्लाकर मंत्री नंदी ने कहा कि मुंह में माइक डालकर सवाल पूछोगे क्या ?
अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से ही प्रयागराज के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने लगभग चुप्पी साध ली है। कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं। मीडिया के सामने हुई हत्या ने पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन अधिकारी इस पर जवाब नहीं दे रहे हैं।
अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के एक हफ्ते बाद भी अतीक की सुरक्षा में तैनात किसी पुलिस वाले पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
हत्याकांड वाली जगह पर सीसीटीवी तो लगे हैं लेकिन उनकी फुटेज तक गोपनीय हैं। यह भी नहीं बताया गया है कि सीसीटीवी खराब है या उसमें रिकॉर्डिंग हुई है। सवाल यह भी उठा कि अगर सीसीटीवी में रिकॉर्डिंग हुई तो गुरुवार को पूरे घटनाक्रम का सीन रिक्रिएशन करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई।
शाइस्ता पर आरोपों को लेकर नंदी पर ही निशाना,,,,,,,
अतीक अहमद की बहन आएशा नूरी और अशरफ की पत्नी ने पिछले दिनों मंत्री नंद गोपाल नंदी पर अतीक से पांच करोड़ रुपए उधार लेकर नहीं देने का आरोप लगाने के साथ ही कहा था कि मेयर चुनाव के कारण शाइस्ता का नाम उमेश पाल हत्याकांड में शामिल किया गया है। हालांकि तब नंदी ने इसे बेपैर-सिर की बातें कहा था।
नंदी ने कहा था कि योगी सरकार अपराधियों और माफियाओं के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उमेश पाल हत्याकांड में भी कार्रवाई पूरी सख्ती के साथ हो रही है। बेसिर-पैर की बातें मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने और गुमराह करने का असफल प्रयास मात्र है। ये तथ्यहीन, अनर्गल और बेतुकी बातें हैं। मेयर चुनाव से इसको जोड़ना न केवल फिजूल है बल्कि हास्यास्पद भी है।