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हनुमान जन्मोत्सव विशेष : शत्रु और रोगों से बचाता है बजरंगी का महामंत्र, जानें पूजा जप की सही विधि,,,।

हनुमान जन्मोत्सव विशेष : शत्रु और रोगों से बचाता है बजरंगी का महामंत्र, जानें पूजा जप की सही विधि,,,।



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:::::हनुमान जन्मोत्सव विशेष:::::

हिंदू धर्म में शक्ति के पुंज माने जाने वाले हनुमान जी की पूजा सभी संकटों से उबारने वाली मानी गई है। हिंदू मान्यता के अनुसार पवनपुत्र हनुमान एक ऐसे देवता हैं जो संकट के समय में श्रद्धा और विश्वास के साथ याद करने वाले भक्त को बचाने के लिए दौड़े चले आते हैं। ऐसे संकटमोचक हनुमानजी की पूजा के लिए चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ज्यादा शुभ माना गया है क्योंकि इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव का पावन पर्व मनाया जाता है। 

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बजरंगबली की पूजा से जुड़े इस पर्व पर उनके मंत्रों के जप का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है।आइए हम हनुमानजी से,मनचाहा वरदान दिलाने वाले चमत्कारी मंत्र के बारे में विस्तार से जानते हैं। यदि आप हनुमान जयंती पर संकटमोचक हनुमान जी से मन चाहा आशीर्वाद पाना चाहते हैंतो आप उनकी पूजा से में सिद्ध और सरल मंत्र 'ॐश्री हनुमतेनम:' या फिर 'ॐ हं हनुमते नम:' मंत्र का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करें।

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मान्यता है कि इस मंत्र को जपने से बजरंगी अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हुए उनकी बड़ी से बड़ी मनोकामना को पलक झपकते दूर करते हैं। मान्यता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि इसके सिद्ध होते ही बड़ी से बड़ी समस्याएंआसानी से सुलझजाती हैं और साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। 

कामनाओं को पूरा करने वाला मंत्र ,,,,,,,

हिंदू मान्यता के अनुसार पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा में यदि कोई साधक तन और मन से पवित्र होकर नीचे दिए गये मंत्र का जप करता है तो उसकी बड़ी से बड़ी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है। बजरंगी के इस मंत्र साधना से,,,,, "श्री गुरु चरण सरोज रज,      निज मन मुकुर सुधार।        बरनो रघुवर बिमल यश,           जो दायक फल चार"।। 

"बुद्धिहीन तनु जानिके,        सुमिरो पवन कुमार ।             बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,     हरहु कलेश विकार"।।          ऐसा जाप जो मनुष्य करता है।उसे बल, बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है।

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हनुमान जी की कृपा से उसके सारे काम समय से पहले सिद्ध और सफल होते हैं, और उसे जीवन में किसी भी ज्ञात-अज्ञात शत्रु का खतरा नहीं रहता है। 

जानें बजरंगी की पूजा विधि और महाउपाय और शत्रुनाशक मंत्र,,,, 

"मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।। 

शत्रु और रोग दूर करने वाला मंत्र यदि आपके जीवन में हर समय ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का खतरा बना रहता है या फिर आप किसी बीमारी के चलते लंबे समय से परेशान चल रहे हैं तो आपको इन सभी से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जयंती पर नीचे दिये गए मंत्र का जप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए,,,।

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ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, सर्वशत्रु संहारणाय, सर्वरोगहराय, सर्व वशीकरणाय, रामदूताय स्वाहा।। 

कैसे जपें हनुमान जी का मंत्र ,,,,,,,

हनुमान जयंती की पूजा में बजरंगी के महामंत्र का जप करने के लिए साधक को तन और मन से पवित्र होकर एक लाल रंग के ऊनी आसन पर बैठना चाहिए। इसके बाद हनुमान जी के चित्र या मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीया जलाकर विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। इसके बाद अपनी मनोकामना के अनुसार बजरंगी के मंत्र को रुद्राक्ष या मूंगे की माला से जपना चाहिए।बजरंगी के मंत्र जप करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। मंत्र जप के जरिए बजरंगी का आशीर्वाद पाने के लिए साधक को भूलकर भी किसी दूसरे के लिए मन में पाप या क्रोध नहीं लाना चाहिए। 

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पूजा विधि,,,,,,,

हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंग बली की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

प्रातः जल्दी उठकर व्रत संकल्प लें।

हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूरअर्पितकरें।

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें और दान आदि करें।

हनुमान जी के साथ भगवान राम और माता सीता की भी पूजा करें।

हनुमान जी को लाल चंदन, अक्षत्त, मौली, फूल, धूप-दीप, वस्त्र, फल, पान आदि वस्तुएं अर्पित करें।

हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

इसके बाद आरती के साथ पूजा संपन्न करें और प्रसाद वितरित करें।

हनुमान जी का आशीर्वाद लेने के लिए "ॐ हं हनुमते नमः" और "ॐ नमो भगवते हनुमते नमः" मंत्र का जाप करें।