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आज से संकट मोचन संगीत समारोह प्रारंभ::कंकणा बनर्जी के आलाप से मिला था महिला गायकी को भी मंच,जाने इसका इतिहास,,,।

आज से संकट मोचन संगीत समारोह प्रारंभ::कंकणा बनर्जी के आलाप से मिला था महिला गायकी को भी मंच,जाने इसका इतिहास,,,।



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:::एजेंसी धर्मऔरआस्था डेस्क::: शास्त्रीय संगीत का विशुद्ध मंच संकट मोचन संगीत समारोह की शताब्दी यात्रा की मणिमाला का हर मोती अमूल्य है। वाराणसी के इस बेहद खास समारोह की यात्रा आज से शुरू होगी। 

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पहली प्रस्तुति हो या आने वाली प्रस्तुतियां श्रोता हर पल को अपने दिल में बसा कर रखते हैं।राममिलन की आस में प्रस्तुति देने वाले कलाकार को यह मंच जब अपनी स्वीकृति प्रदान कर देता है तो वह विश्व में भी स्वीकृत हो जाता है। 

संकटमोचन संगीत समारोह की शताब्दी यात्रा से आगे बढ़ते हुए हम महिला कलाकारों के मंच पर प्रवेश की स्मृतियों को ताजा कर रहे हैं। 

1987 में मंच पर पहली नृत्यांगना के रूप में संयुक्ता पाणिग्रही ने ओडिसी की भव्य प्रस्तुति दी। संयुक्ता की प्रस्तुति का ही प्रभाव था कि ओडिसी के महागुरु पं. केलू चरण महापात्रा ने भी मंच पर प्रस्तुति देने का मन बना,लिया और फिर क्या था गायन और वादन के साथ ही नृत्य के साथ संकटमोचन संगीत समारोह के मंच पर गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी बहने लगी।

इसके बाद सोनल मानसिंह और स्वप्नसुंदरी के साथ ही कई मशहूर नृत्यांगनाओं ने समारोह में नृत्य के जरिये हनुमत लला के चरणों में श्रद्धा अर्पित की। 

मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने बताया कि 1978 में कोलकाता की कंकणा बनर्जी संगीत समारोह में गायन पेश करने वाली पहली महिला कलाकार थीं।इसके पूर्व 1977 में पं. प्रताप नारायण का गायन चल रहा था और तानपुरे पर कंकणा बनर्जी संगत कर रही थीं। तभी अचानक कंकणा ने भी बीच में सुर लगा दिया। महिला स्वर का आलाप लगते ही श्रोताओं में कानाफूसी होने लगी। 

श्रोताओं का कहना था कि महिला ने गा दिया...। तत्कालीन महंत प्रो. वीर भद्र मिश्र ने माहौल को समझा और सभी को शांत रहने का संकेत दिया। इसके बाद जैसे ही गायन समाप्त हुआ प्रो. मिश्र ने कंकणा बनर्जी के स्वतंत्र गायन की घोषणा कर दी। प्रो. मिश्र ने कहा कि संगीत किसी जेंडर और मजहब की सीमा में कैद नहीं होता है।

जैसे ही मेरी अजान पूरी हुई, हनुमान जी का बुलावा आ गया,,,

संकटमोचन संगीत समारोह में हाजिरी लगाने आ रहे मशहूर गजल गायक तलत अजीज का संगीत रसिकों को इंतजार है। महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने बताया कि उन्होंने जब पिछले दिनों शाम को तलत अजीज को आमंत्रण देने के लिए फोन किया। उधर से तलत अजीज ने कहा कि वाह क्या बात है अभी मेरी अजान पूरी हुई और हनुमान जी का बुलावा भी आ गया। इससे बेहतर संयोग और क्या हो सकता है। प्रो. मिश्र ने कहा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि संगीत किस तरह से पूरे हिंदुस्तान को एक सूत्र में पिरोता है।

संकट मोचन संगीत समारोह का आगाज आज से प्रारंभ,,,,,,,

संकट मोचन संगीत समारोह का आगाज आज होगा। शहनाई में भास्करनाथ, सितार सुप्रिया शाह, तबला अनुब्रत चटर्जी, गायन स्वर रतन शर्मा संगत कलाकार तबला रजनीश तिवारी, संवादिनी मोहित साहनी, कुचिपुड़ी में गड्डम पद्मजा रेड्डी, गायन नागराज हवलदार व संगत कलाकार तबला केदारनाथ हवलदार, संवादिनी मोहित साहनी, सारंगी में उस्ताद मोइनुद्दीन खान व तबला उस्ताद अकरम खान, गायन जसवीर जस्सी, गायन पंडित उल्हास कसालकर संगत कलाकार तबला पर पंडित सुरेश तलवलकर, सितार पूर्वायन चटर्जी, अभिषेक, शिवांग मिश्र, तबला अनुब्रत चटर्जी होंगे।