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सविता प्रधान सक्सेस स्टोरी::शादी के बाद पति करता था पिटाई, अंडरगार्मेंट में रोटियां छिपाकर खानी पड़ी, फिर अफसर बन पति को सिखाया सबक,,,।

सविता प्रधान सक्सेस स्टोरी::शादी के बाद पति करता था पिटाई, अंडरगार्मेंट में रोटियां छिपाकर खानी पड़ी, फिर अफसर बन पति को सिखाया सबक,,,।


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:: सविता प्रधान सक्सेस स्टोरी :: आज के समय में मध्य प्रदेश में तैनात ऑफिसर सविता प्रधान की गिनती बेहद तेज-तर्रार ऑफिसर्स में की जाती है। वह इस समय ग्‍वालियर संभाग में ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर के पद पर तैनात हैं। 

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हालांकि, सविता का यहां तक का सफर काफी दर्द भरा रहा है। यहां तक पहुंचने से पहले वह सुसाइड के कगार तक पहुंच चुकी थीं। ऑफिसर बनने के पहले सविता ने अपने ससुराल में काफी कष्ट झेला है। उनका पति उन्हें बिना वहज पीटा करता था, यहां तक उसके ससुराल वाले भी उनकी दर्गति कर रहे थे। 

नौबत ऐसी थी कि भूख लगने पर पति के डर से सविता रोटियों को अपने अंडर वीयर में छिपाकर बाथरूम में ले जाकर खाया करती थीं। इस जुल्म को सहते-सहते ही एक दिन सविता ने सुसाइड करने के फैसला किया, लेकिन उस समय कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद सविता एक ऑफिसर बन गई और उसके बाद उन्होंने अपने पति अच्छे से सबक सिखाया।

गांव में पहली लड़की, जिसने पास की कक्षा 10वीं,,,,,,,

सविता का जन्म एमपी के मंडी नाम के गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। हालांकि, इसके बावजूद जिस गांव में वह रहा करती थी, उस गांव की वह पहली लड़की थी, जिन्होंने कक्षा 10 वीं पास की थी। हालांकि, माता-पिता द्वारा उन्हें पढ़ाने का एकमात्र कारण यह था कि उन्हें पढ़ाने के कारण उनके घर वालों को 150 से 200 रुपये की स्‍कॉलरश‍िप मिल जाती थी।

स्कूल जाने के लिए नहीं थे 2 रुपये,,,,,,,

कक्षा 10 वीं पास करने के बाद उनका एडमिशन गांव से7 किमी. दूर के एक स्कूल में करवा दिया गया। जहां आने और जाने में कुल 2 रुपये का खर्च आता था। हालांकि, सविता के पास वो 2 रुपये नहीं हुआ करते थे, जिस कारण उन्हें अक्सर पैदल ही स्कूल जाना पड़ता था। फिर उनके माता-पिता ने उसी गांव में काम ढूंढ़ लिया, जहां सविता का स्कूल था। स्कूलिंग के दौरान ही सविता के लिए काफी बड़े घर से रिश्ता आ गया था। रिश्ता काफी बड़े घर से था, इसलिए तुरंत ही सविता की मर्जी जाने बिना ही उनकी शादी करा दी गई। 

पति के डर से रोटियों को अंडर गार्मेंट में छिपा कर खाती थी,,,,,,,

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शादी के कुछ ही दिनों बाद ही उनके साथ नौकरों जैसा व्‍यवहार किया जाने लगा। उनसे ससुराल में जी-तोड़ काम करवाया जाता था। उन पर ससुराल में कई तरह की पाबंदियां भी लगी दी गई थीं, जैसे - वह डाइनिंग टेबल पर सबके साथ बैठकर खाना नहीं खा सकती थीं, खुलकर हंस नहीं सकती थीं, उन्‍हें घर में सबके खाना खाने के बाद भोजन करने की हिदायत थी। 

वहीं, अगर खाना खत्‍म हो जाए तो वह अपने लिए दोबारा खाना भी नहीं बना सकती थीं। नौबत ऐसी थी कि पति द्वारा मारे जाने के डर से वह रोटियों को अपने अंडरगार्मेंट में छुपा कर बाथरूम में ले जाती थीं और वहीं बैठ कर खाया करती थीं।

जारी रही पति की मार पीट,,,,,,,

एक समय सविता को पता चला कि वह प्रेग्‍नेंट हैं। जिसके बाद उन्होंने अपने पहले बेटे को जन्म दिया। बेटे के पैदा होने पर भी उनके जीवन में कोई सुधार नहीं आया। ससुराल वाले अब भी उनके साथ वैसा ही बरताव करते थे। देखते-देखते उनका दूसरा बच्‍चा भी हो गया, लेकिन पति की मार-पिटाई हमेशा जारी रही।

सुसाइड करने की कोशिश की,,,,,,

एक दिन इस सब से तंग आकर सविता ने सुसाइड करने का निर्णय लिया। जब वह पंखे से फांसी लगाकर झूलने जा रही थीं तो उनकी नजर अपनी सास पर पड़ी। दरअसल, इत्‍तेफाक से कमरे की खिड़की खुली रह गई थी। हालांकि, सविता की सास ने उन्हें बचाने की कोई कोशिश नहीं की। वह सबकुछ देखकर आगे बढ़ गईं। तब सविता को एहसास हुआ कि वह ऐसे लोगों के लिए भला अपनी जान क्‍यों देने जा रही हैं। 

इसके बाद उन्होंने अपना घर छोड़ने का फैसला किया। वह अपने दोनों बच्चों को लेकर वहां से निकल गई। कमाई के लिए उन्होंने ब्यूटी पार्लर में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने इंदौर यूनिवर्सिटी से उन्‍होंने पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन में मास्‍टर्स की डिग्री हासिल की और फिर इसके बाद उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली।

ऐसे सिखाया पति को सबक,,,,,,,

सिविल परीक्षा क्रैक कर जब सविता ऑफिसर बनीं, तो उनकी पहली पोस्टिंग चीफ म्‍यूनिसिपल ऑफिसर के तौर पर हुई थी। उनकी तरक्‍की देखकर उनका पति दोबारा उनकी जिंदगी में वापस लौट आया था। लेकिन उसने सविता को फिर से पीटना शुरू कर दिया था। 

इस बार उन्होंने पति को सबक सिखाने की सोची। उन्‍होंने काफी दुखी मन से इस सब के बारे में अपने सीनियर्स को बताया। तो, सीनियर्स ने कहा कि अगर इस बार उनका पति वापस उनके पास आए तो, वह उन्‍हें तुरंत फोन कर दें। 

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पति एक दिन फिर आया, सविता को पहले ही एहसास हो गया था कि, वह उनके साथ दोबारा मार पीट करेगा। इसलिए उसने जैसे ही ऐसा किया, सविता ने अपने सीनियर्स को फोन लगा दिया। 

थोड़ी ही देर में घर में पुलिस आ गई। उसने जो कुछ सविता के साथ किया था, पुलिस वालों ने सूद समेत उसे वह लौटाया। अब आज सविता अपने पति से तलाक लेकर अपने दो बेटों के साथ खुशी-खुशी जीवन बिता रही हैं।