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'यही तो रोना है, मुझे अंग्रेजी नहीं आती और आपको हिंदी...', जज और वकील की बहस का वीडियो वायरल,,,।

'यही तो रोना है, मुझे अंग्रेजी नहीं आती और आपको हिंदी...', जज और वकील की बहस का वीडियो वायरल,,,।




कारपोरेट ऑफिस में अंग्रेजी कल्चर आम है। लेकिन धीरे-धीरे ये सरकारी विभागों में भी जगह बनाने लगा है।ऐसे में हिंदी बोलने वालों के लिएकाम करनामुश्किल होता जा रहा है। ऐसा ही कुछ हाल में एक अदालत में हुआ जब एक वकील ने अंग्रेजी में याचिका दायर करने से इंकार कर दिया और जज से साथ उनकी बहस हो गई। 

सामने आए कोर्ट के इस वीडियो में जज अंग्रेजी में कहते हैं कि - आपने फिर हिंदी में दायर किया है। मुझे हिंदी समझ नहीं आती। इसपर वकील कहते हैं- यही तो रोना है हुजूर कि मुझे भी अंग्रेजी समझ नहीं आ रही थी। 

जज ने जवाब दिया- मैं आपकी याचिका रिजेक्ट कर दूंगा। वकील ने कहा- सर रिजेक्ट तो फुल बेंच है। पूरी बेंच हिंदी के पक्ष में है। जज ने इसपर कहा- आपका केस खत्म हो चुका है, मैंने अगला केस बुला लिया है। 

वकील कहते हैं- हुजूर नियम यह है कि केस सुनकर ही आगे बढ़ा जाए। केस को बिना सुने आगे बढ़ने के नियम नहीं है। आज भी पटना हाईकोर्ट में सब न्यायमूर्ती हिंदी में केस सुन रहे हैं। अब हुजूर कह रहे हैं कि हमे अनुवाद दीजिए। अनुवादक विभाग यहां आजादी के पहले से है।उनकोजो तंख्वाह मिलती है उसमें हमारा और हमारे मुवक्किल का हिस्सा है। उनसे अनुवाद मांगने में हुजूर का क्या जाता है। मैं न्याय संगत बात बोल रहा हूं। हम अंग्रेजी अनुवाद नहीं जानते और हुजूर हमसे अंग्रेजी अनुवाद मांग रहे हैं एक डिवीजन बेंच का हम हिंदी में ऑर्डर दिखा रहे हैं, उसको विचार में लेकर आदेश पारित कर दिया जाए।


जज केसामने बिना घबराए हिंदी को लेकर अपनी बात रखने वाले वकील का वीडियोसोशलमीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग वकील की खूब तारीफ कर रहे हैं एक यूजर ने लिखा - जब हम भारत में रहते हैं तो हिंदी के साथ रहना क्यों नहीं चाहते, एक अन्य ने लिखा- वकील साहब ने दिल जीत लिया, आखिर हिंदी में बुराई क्या है जो हम इस कदर इंग्लिश कल्चर में ढल गए हैं। बता दें कि हिंदी और अंग्रेजी की डिबेट पुरानी है और सोशल मीडिया पर अक्सर इसको लेकर लोग भिड़ जाते हैं।