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यूपी,चंदौली : पीडीडीयू नगर पालिका में निर्दल प्रत्याशी सोनू किन्नर की जीत, 397 मतों से BJP की हार,,,।

यूपी,चंदौली : पीडीडीयू नगर पालिका में निर्दल प्रत्याशी सोनू किन्नर की जीत, 397 मतों से BJP की हार,,,।


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एजेंसी डेस्क : (चंदौली, ब्यूरो)।यूपी नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में चंदौली जिले के नगर पालिका पीडीडीयू नगर (पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर) के अध्यक्ष का ताज हंगामे और भारी बवाल के बाद निर्दल प्रत्याशी सोनू किन्नर के सिर सजा। 

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सोनू किन्नर ने भाजपा प्रत्याशी मालती सोनकर को 397 मतों से शिकस्त दी। रिटर्निंग आफिसर अविनाश कुमार ने सोनू को विजयी घोषित कर प्रमाण पत्र सौंपा। 

नगर निकाय चुनाव में नगर पालिका पीडीडीयू नगर के अध्यक्ष व सभासद पद की मतगणना शुनिवार सुबह 8 बजे मानस नगर स्थित केंद्रीय विद्यालय में शुरू हुई। डीएम निखिल टीकाराम फुंडे व एसपी अंकुर अग्रवाल ने निरीक्षण मतगणना केंद्र का निरीक्षण किया। 

पांच चक्रों की मतगणना में नगर पालिका अध्यक्ष पद के निर्दल प्रत्याशी सोनू किन्नर को 18475 मत मिले जबकि उनके निकटम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी मालती सोनकर को 18078 मत मिले। सोनू किन्नर ने 397 मतों से जीत दर्ज की। 

वहीं सपा की प्रत्याशी अनिता सोनकर को 11523, कांग्रेस प्रत्याशी सविता देवी को 6140, बहुजन समाज पाटी की प्रत्याशी दीपा को 4148, निर्दल प्रत्याशी 342 मत मिले। 

इस दौरान 196 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। जबकि 2986 मत अवैध घोषित किये गये।

उत्तर प्रदेश की तीसरी किन्नर चेयरमैन बनी सोनू ,,,,,,,

चंदौली जिले के एकमात्र नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर से निर्दलीय प्रत्याशी सोनू किन्नर प्रदेश में तीसरी किन्नर हैं जिन्होंने चेयरमैन की कुर्सी संभाली है। 

इससे पहले 2001 में गोरखपुर से आशा देवी महापौर बनी थीं। वहीं 2006 में मिर्जापुर के अहरौरा नगर पालिका से रेखा चेयरमैन बनी थीं। किन्नरों को समाज में पहले काफी उपेक्षा की दृषि से देखा जाता था। लेकिन धीरे-धीरे समाज की सोच बदली और लोगों ने किन्नरों को अपना प्रतिनिधि भी बनाना शुरू कर दिया है।

नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर में जीत दर्ज कर सोनू किन्नर ने जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश में इतिहास रचा है। सोनू की जीत ने लोकतंत्र की ताकत दिखा दी। 

सोनू से पहले 2001 के निकाय चुनाव में गोरखपुर मेंकिन्नरआशा देवी ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया था, कि बड़े-बड़े राजनीतिक सूरमा देखते रह गए थे। गोरखपुर के नरसिंहपुर इलाके के एक छोटे से मकान में रहने वाली किन्नर अमरनाथ यादव उर्फ आशा देवी घर-घर जाकर नाचती गाती थीं। लोग जो नेग देते थे, उसी से उनका गुजर-बसर होता था।

2001 में गोरखपुर में जब मेयर का चुनाव हुआ तो आशा देवी ने इलेक्शन लड़ने का एलान कर दिया। सपा, भाजपा और तमाम राजनीतिक दलों के बीच किन्नर आशा देवी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीतकर दिग्गजों की जमानत जब्त कर दी। 

उसके बाद 2006 मिर्जापुर जिले के अहरौरा नगर पालिका से किन्नर रेखा चेयरमैन बनी थीं। 

Published from Blogger Prime Android Appवहीं 17 वर्षों बाद प्रदेश में पीडीडीयू नगर की जनता ने एक किन्नर को अपना चेयरमैन बनाया है। सोनू किन्नर की जीत से नगर में खुशी का माहौल है।