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वाराणसी का एक शख्स जो बिना शादी के बन गया 48 बच्चों का पिता, जानिए कौन है वो,,,।
वाराणसी में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में राम जानकी मंदिर के संस्थापक स्वामी राम कमल दास को 48 बेटों का पिता दिखाया गया है। आइए जानते हैं इसमें कितनी सच्चाई है।
धर्मनगरी वाराणसी में एक शख्स ऐसा है जो 48 बच्चों का पिता है। यही नहीं, इसमें खास बात ये है कि शख्स शादीशुदा नहीं है। चौंकाने वाली ये घटना सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर के जरिए सामने आई है।
ये तस्वीर है वाराणसी के वार्ड नम्बर 51 की वोटर लिस्ट है। जिसमें एक शख्स को 48 बेटों का पिता दिखाया गया है। बड़ी बात यह है कि वायरल वोटर लिस्ट में 48 बेटों के दिखाए गए पिता अभी तक अविवाहित हैं। लेकिन, हैरान करने वाली बात यह है कि, आधिकारिक तौर पर इस वोटर लिस्ट के सही होने की भी पुष्टि की गई है।
सोशल मीडिया पर वाराणसी के वार्ड नम्बर 51 की ये वोटर लिस्ट वायरल हो रही है। जिसमें 13 बच्चे 37 साल के हैं, पांच 39 साल के, चार 40 तो वही अन्य 42 साल के हैं।
पिता का नाम वाराणसी के जाने-माने संत गुरुधाम के राम जानकी मंदिर के संस्थापक स्वामी राम कमल दास का है। लिस्ट के अनुसार उनके 48 बेटे हैं। यही नहीं गुरुधाम में स्थित उनके मंदिर के पते को बकायदा वोटर लिस्ट में मकान नंबर के तौर पर भी स्थापित किया गया है।
स्वामी राम कमल दास के 48 बेटों की यह पोस्ट देख कर हर कोई हैरान है। लेकिन, उससे भी बड़ी बात यह है कि स्वामी जी के सेक्रेटरी ने इस लिस्ट के सही होने की भी पुष्टि की है।
स्वामी रामकमल दास के नाम की वोटर लिस्ट,,,,,,,
गुरु शिष्य परम्परा के तहत दर्ज है पिता का नाम ,,,,,,,
इस बात की पुष्टिकरते हुए स्वामी राम कमल दास के सेक्रेटरी राम भरत ने बताया कि यह लिस्ट पूरी तरीके से सही है। स्वामी जी अविवाहित हैं। लेकिन, हमारे आश्रम में गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन होता है। इस वजह से इस आश्रम में जो भी छात्र रहते हैं, वह स्वामी जी को अपने गुरु पिता के तौर पर मानते हैं। यही वजह है, कि इस वोटर लिस्ट में उन्होंने अपने पिता के नाम पर गुरु जी का नाम अंकित कराया है।
अखिल भारतीय सन्त समिति की है ये राय,,,,,,,
इस बारे में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि, उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत गुरु शिष्य परंपरा में शिष्य का स्थान भी पुत्र जैसा होता है। डॉ. राम कमल दास वेदांती आश्रम के मतदाता हैं, इसलिए उनके शिष्य भी उसी आधार पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
लोगों ने बताई प्रशासनिक गड़बड़ी,,,,,,,
सोशल मीडिया पर तेजी से इस तस्वीर के बारे होने के बाद कोई इसे प्रशासनिक गड़बड़ी बता रहा था, तो कोई इस पर अलग-अलग मीम्स बना रहा था। लेकिन, राम जानकी मंदिर की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण के बाद मामला साफ हो गया है।