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गोलीकांड की मास्टरमाइंड पुष्पा पुलिस की गिरफ्त में, बेटे के हाथ में पिस्टल देकर करवाई 6 की हत्या,,,।
एजेंसी डेस्क : ( एमपी, ब्यूरो )।मध्य प्रदेश के मुरैना के लेपा गांव में 8 लोगों पर गोली चलवाने की आरोपी पुष्पा को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुरानी रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया था। इस मामले में अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। पुष्पा पर आरोप है कि उसने अपने बेटे को बंदूक पकड़ा कर तोमर परिवार के लोगों पर गोलियां चलवाईं थीं। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें एक महिला को गोली चलवाते देखा गया था। वह इशारा करते हुए बता रही थी कि किस-किस पर गोली चलानी है।
शुक्रवार(5 मई, 2023) को तोमर परिवार लेपा गांव अपने घर दस साल बाद वापस पहुंचा था। साल 2013 में वे लोग गांव छोड़कर अहमदाबाद चले गए थे और गांव लौटते ही 10 साल पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चल गईं। इस वारदात में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
मृतकों की पहचान गजेंद्र सिंह (55), संजू (40), सत्यप्रकाश (35), लेस कुमारी (46), बबली तोमर (उम्र ज्ञात नहीं) और मधु कुमारी (36) के रूप में की गई है। हत्याकांड में जीवित बची एक महिला ने मीडिया को बताया कि हमलावर गांव में उनका इंतजार कर रहे थे।
तोमर परिवार के पड़ोसी धीर सिंह के परिवार के सभी नौ सदस्यों को पुलिस ने इस मामले में नामजद किया है। पीड़िता का कहना है कि धीर सिंह के परिवार के कुछ सदस्यों की 10 साल पहले हत्या हो गई थी, जिसके लिए उन्होंने तोमर परिवार को दोषी ठहराया था।
मुरैना पुलिस के मुताबिक, एक स्कूल के मैदान में कृषि अपशिष्ट को डंप करने के विवाद के कारण गजेंद्र के बेटे वीरेंद्र और एक दूर के रिश्तेदार रंजीत ने धीर सिंह के परिवार के दो लोगों की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सूत्रों ने कहा कि उस दिन विवाद बढ़ने पर तोमर परिवार ने अपनी छत से धीर सिंह के परिवार के दो लोगों पर गोली चला दी थी। एक दशक बाद तोमर परिवार की हवेली के सामने ही परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी गई।
वहीं, हमले में अपने पति, दो बेटों और तीन बहुओं को खोने वाली कुसुमा तोमर ने मीडिया,पत्रकारों को बताया कि उनके परिवार का आरोपियों से 2013 में सरकारी जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद हुआ था। उन्होंने कहा कि आरोपियों के परिवार के दो लोगों की तब हत्या कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि उनके परिवार की हत्याओं से कोई लेना देना नहीं था लेकिन हमारे परिवार के सदस्यों के नाम इस मामले में घसीटे गए थे। उन्होंने कहा, "बाद में जेल में उनके और हमारे परिवार के बीच एक समझौता हुआ। हमने उन्हें मुआवजे के तौर पर छह लाख रुपये दिए और अपनी जमीन उनके नाम पर स्थानांतरित कर दी।"
उन्होंने कहा कि शुक्रवार की सुबह जब वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दस साल बाद अहमदाबाद से गांव लौटीं तो आरोपी उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस घटना के दो घंटे बाद मौके पर पहुंची।