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यूपी,सरकार को आदेश : सुनिश्चित करो मुख्तार की सुरक्षा, इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, मीडिया इंटरव्यू पर भी लगाई रोक,,,।
:: Mukhtar Ansari Security :: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीन हफ्ते बाद यूपी की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस को मुख्तार अंसारी की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मीडिया कर्मियों को भी उसका इंटरव्यू करने पर रोक लगा दी है।
3 मई को आदेश पारित करते हुए जस्टिस डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और शिव शंकर प्रसाद की खंड पीठ ने 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्याओं पर ध्यान दिया।
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी द्वारा 2021 में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित संबंधित अधिकारियों से कहा कि मुख्तार अंसारी को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करते समय और किसी भी अदालत में पेश करते समय और रास्ते में या किसी अन्य जगह उन्हें "पूरी सुरक्षा" प्रदान की जाए।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि, यह आदेश यूपी में हुई हालिया घटना को देखते हुए पारित किया जा रहा है, जिसमें मीडिया कर्मियों की आड़ में कुछ अपराधियों ने दो विचाराधीन कैदियों की हत्या कर दी थी,ये कैदी पुलिस कर्मियों की हिरासत में थे। इनके मामले शीर्ष कोर्ट के सामने पेंडिंग थे।
कोर्ट ने यह भी कहा कि हालांकि हम आरोपी व्यक्तियों के इंटरव्यू लेने वाली मीडिया के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हाल के प्रकरण को देखते हुए, यह कोर्ट प्रतिबंध विचारा धीन कैदियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए उनके हित में होगा।
आपको बात दें कि, अतीक अहमद औऱ उसके भाई पर तीन हमलावरों ने 15 अप्रैल की रात उस समय हमला कर दिया था, जब पुलिस दोनों का मेडिकल करवाने के लिए अस्पताल लेकर आई थी। तीनों हमलावर मीडिया कर्मी बनकर अस्पताल परिसर में पहुंचे थे। जब अन्य मीडिया कर्मी अतीक और अशरफ का इंटरव्यू करने जा रहे थे, तभी उन्होंने फायरिंग कर दोनों को मार दिया।
यह शूट आउट टीवी पर लाइव प्रसारित हुआ। अतीक और अशरफ अपनी हत्या से पहले मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब देने जा रहे थे। हाई कोर्ट को अपने जवाब में राज्य सरकार ने एक हलफनामें कहा कि "जेल अधिकारी और पुलिस याचिका कर्ता के पति को जेल में रखने या ट्रायल कोर्ट के सामने पेश करने के लिए जेल से बाहर लाने के दौरान उसकी सुरक्षा के लिए हर सावधानी बरत रहे हैं।"
मुख्तार की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने क्या कहा ? ,,,,,,,
हलफनामें में राज्य सरकार ने यह भी बताया कि जब भी मुख्तार को जेल से बाहर निकाला जाता है तो सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल हाइट कांस्टेबल और दो ड्राइवर का इस्तेमाल किया जाता है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के पति को कोर्ट में पेश करने के दौरान सुरक्षा (फुलप्रूफ) देने के लिए गाजीपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।