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उदंड बेटो के लिए सबक : बुढ़ापे की लाठी नहीं बन पाए छह बेटे तो सभी संपत्ति से बेदखल, पुलिस ने भी दी चेतावनी,,(तहसीलदार), प्राची केसरी,,,।

उदंड बेटो के लिए सबक : बुढ़ापे की लाठी नहीं बन पाए छह बेटे तो सभी संपत्ति से बेदखल, पुलिस ने भी दी चेतावनी,,(तहसीलदार), प्राची केसरी,,,।


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एजेंसी डेस्क : (वाराणसी, ब्यूरो)।वाराणसी के चित्रसेनपुर गांव के लालचंद पटेल उर्फ मुल्लू के बुढ़ापे की लाठी न बन पाने वाले छह बेटों को शुक्रवार को संपत्ति से बेदखल कर दिया गया। मकान और तीन बीघे खेत पर बुजुर्ग को कब्जा दिलाया गया।साथ ही, बेटों को हिदायत दी गई कि बुजुर्ग को परेशान किया तो जेल जाना पड़ेगा। 

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राजातालाब की नायब तहसील दार प्राची केसरी, भरण-पोषण अधिकारी विनोद कुमार विश्वकर्मा और मिर्जामुराद थाना प्रभारी दीपक कुमार राणावत पुलिस के साथ शुक्रवार को चित्रसेनपुर गांव पहुंचे। भरण-पोषण अधिकारी ने बताया कि लालचंद पटेल उर्फ मुल्लू ने बेटों से परेशान होकर हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी।

उनका कहना था कि छह बेटे हैं, लेकिन उनकी देखरेख नहीं कर रहे हैं। मकान के कमरों में चार वर्षों से ताला बंद कर रखा है। खेत पर भी कब्जा है। इस मामले में लालचंद के बेटों को नोटिस दिया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल सका। अब गांव आकर जांच की गई तो सच सामने आ गया। 

पता चल गया कि बुजुर्ग का भरण-पोषण सही ढंग से नहीं हो रहा है। बेटे इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहे हैं। इसीलिए प्रशासन व पुलिस की टीम ने लालचंद को मकान और तीन बीघे खेत का कब्जा दिला दिया है। अब बेटे किसी भी तरह का व्यवधान पैदा करेंगे तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

और भी मामले हों तो बताएं ,,,,,,,

नायब तहसीलदार ने मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रूप नारायण पटेल से कहा कि गांव में अगर कोई ऐसा परिवार हो, जो अपने बुजुर्ग माता-पिता के भरण-पोषण पर ध्यान न देते हों और उनकी हीसंपत्ति पर काबिज हों, तो ऐसे लोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं। ताकि, प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जा सके। इस तरह की कार्रवाई भरण पोषण एक्ट के सेक्शन 16 के तहत की जा रही है।

बूढ़े मां-बाप रद्दी का कागज नहीं,,

राजातालाब की नायब तहसील दार ने कहा कि बूढ़े मां-बाप रद्दी का कागज नहीं हैं। जब कोई चाहे, उन्हें घर से उठाकर बाहर फेंक दे। बुजुर्ग मां-बाप का ध्यान रखना और उनकी सेवा करना बेटों का धर्म है। जो अपने बुजुर्ग मां-बाप की देखरेख नहीं करते हैं, वह उनकी मर्जी के बिना न उनके मकान में रह सकते हैं और न उनके खेत में हल चला सकते हैं।

ये हैं बुजुर्ग के छह बेटे,,,,,,,

बुजुर्ग का बेटा उमाशंकर भदोही के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। चंद्रबली, सूर्यबली, विजय कुमार, ताराशंकर और रमाशंकर खेती करते हैं।