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गोरखनाथ मंदिर परिसर में बने नए मंदिरों में कल देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे गोरक्षपीठाधीश्वर CM योगी आदित्यनाथ,,,।
एजेंसी डेस्क : (गोरखपुर, ब्यूरो)।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए हैं। शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना कीऔरअपने गुरुब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ का आशीर्वाद लिया। इसी क्रम में सीएम योगी मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार पहुंचेऔर श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ स्थल पर व्यास पीठ की आरती उतारी, और करीब एक घंटे कथा सुनी।
योगी मंदिर में प्रतिदिन चल रहे लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में भी शामिल हुए। इन दोनों अनुष्ठानों की पूर्णाहुति रविवार को होगी, जिसकी पूर्णता पर मुख्यमंत्री बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मंदिर परिसर में बने नए मंदिरों में देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। मंदिर में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में पिछली 15 मई से सात दिवसीय दिवसीय श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। इन दोनों अनुष्ठान का शुभारंभ मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुआ था।
अनुष्ठान के पंचम दिवस पहुंचे मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सायंकाल श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ की यज्ञशाला पहुंचे,और चारों वेदों के नाम पर बने द्वारों और वेदी का पूजन करने के बाद यज्ञ में आहुतियां डालीं।
मुख्यमंत्री ने अनुष्ठान मेंसम्मिलित होने आए साधु संतों से भी मुला कात कर उनका अभिनंदन किया यज्ञ में शुक्रवार को देवी-देवताओं का षोडशोपचार पूजन हुआ। इसी क्रम में ऋग्वेद द्वार, यजुर्वेद द्वार, सामवेद द्वार तथा अथर्ववेद द्वार और वैदिक ब्राह्मण पूजन भी हुआ।
यज्ञ का अनुष्ठानयज्ञाचार्यआचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक के निर्देशन में हुआ। यज्ञाचार्य पंडित रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने सभी मूर्तियों का वैदिक मंत्रों के बीच विविध वस्तुओं से अधिवास कराया गया। यज्ञ कराने वालों में डा. अरविंद चतुर्वेदी, पं. अश्वनी त्रिपाठी, नित्यानंदतिवारी,आचार्य बृजेश मणि मिश्र,डा. प्रांगेश मिश्र आचार्य पुरुषोत्तम चौबे, डा. रोहित मिश्र, पं. प्रवीण, पंडित ओमप्रकाश त्रिपाठी, डा. हृदय नारायण शुक्ल्, पंडित राम नारायण त्रिपाठी ने पूजा सम्पन्न कराई।
भद्र सुनें और देखें, अंत:करण शुद्ध होगा: डा. श्याम सुंदर पाराशर,,,,,,,
गोरखनाथ मंदिर परिसर के नव-निर्मित मंदिरों में देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा केमंदिरमेंआयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथाव्यास डा. श्याम सुंदर पाराशर ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई इस क्रम में कंस कुकृत्य की चर्चा करते हुए उन्होंने अंतर्मन को शुद्ध करने का उपाय बताया।
उन्होंने कहा कि हमारे अंत:करण को मलिन करने के लिए जो भी गंदगी शरीर में जाती है, उसके दो रास्ते हैं आंख और कान। हमारे वेदों में इसीलिए कहा गया है कि कानों से भद्र सुनें और आंखों से भद्र देखें। ऐसा करने से जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के नामकरण का वर्णन करते हुए डा. पाराशर ने कहा कि जो सबको अपनी ओर खींचे, वही कृष्ण होता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता में भगवान की कृपा और पुरुषार्थ दोनों की आवश्यक ता होती है। हमें जीवन में प्रबल पुरुषार्थ करना चाहिए, तभी हमारे ऊपर भगवान की कृपा होगी,कथाव्यास ने भगवान कृष्ण द्वारा अघासुर, बकासुर, वत्सासुर आदि के वध की कथा सुनाई।
साथ ही कालिया नाग के ऊपर नाग-नथैया करके कालिया नाग के मर्दन की कथा को भीशानदार ढंग से प्रस्तुत किया,गोवंशमहिमा का वर्णन करते हुए डा. पाराशर ने कहा कि गायों में सभी देवता निवास करते हैं। जो गायों को प्रसन्न कर लेता है, उससे सारे देवता प्रसन्न हो जाते हैं। गाय पूरे विश्व की जननी है। भगवान गायों की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं।
कथा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यासपीठ की आरती उतारी। उन्होंने करीब एक घंटे तक मंच पर बैठकर कथा सुनी। संचालन डा. अरविंद चतुर्वेदी ने किया। इस दौरान राघवाचार्य, योगी कमलनाथ, महंत मिथिलेशनाथ, योगी शिवनाथ, महंत रवींद्र दास, महंत राम मिलन दास आदि मौजूद रहे।
मंदिर से रवाना हुई कैलाश मानसरोवर महासंकल्प यात्रा,,,,,,,
गोरखनाथ मंदिर पर प्रार्थना और मानसरोवर मंदिर व मुक्तिनाथ मंदिर में महासंकल्प के बाद भारत तिब्बत समन्वय संघ की ओर से कैलाश मानसरोवर मुक्ति महासंकल्प जनजागरण यात्रा शुक्रवार को रवाना हुई। ग्रामीण विधायक विपिन सिंह और द्वारिका तिवारी की मौजूदगी में मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने ध्वज प्रतीक प्रदान कर यात्रा को रवाना किया।
यह महासंकल्प यात्रा अयोध्या, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मथुरा, वृंदावन, दिल्ली, गाजियाबाद, हरिद्वार होते हुए देहरादून तक जाएगी। संघ के राष्ट्रीय महामंत्री राम कुमार सिंह,यात्रा केसंयोजक विजय मान, समन्वयक संदीप त्यागी यात्रा के दौरान महासंकल्प कराएंगे।
राम कुमार सिंह ने कहा कि वर्ष 1959 से चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने से सनातनी समाज को आराध्य देव भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने में कठिनाइयां आ रही हैं। इन कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से कैलाश मानसरोवर महा संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया है।
21 को गोरखनाथ मंदिर में गूंजेंगे कन्हैया मित्तल के भजन,,,,,,,
गोरखनाथ मंदिर परिसर में नवनिर्मित मंदिरों में देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर 21 मई को शाम छह बजे भजन संध्या का आयोजन कियाजाएगा कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को जाने-माने भजन गायक कन्हैयामित्तल के भजनों को लाइव सुनने का अवसर मिलेगा।