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गैंगस्टर संजीव जीवा मर्डर कांड : जानें माफिया पर गोलियां दांगने वाले विजय के परिजनों ने क्या कहा, 15 दिनों से था गायब,,,।

गैंगस्टर संजीव जीवा मर्डर कांड : जानें माफिया पर गोलियां दांगने वाले विजय के परिजनों ने क्या कहा, 15 दिनों से था गायब,,,।

गैंगस्टर संजीव जीवा मर्डर कांड :: लखनऊ कोर्ट परिसर में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या को अंजाम देने वाले विजय यादव का परिवार सुल्तानपुर सर्की गांव का रहने वाला है. वह दो माह से लखनऊ में रहकर पेयजल पाइप लाइन डालने का काम कर रहा था.वह मुंबई में काम करता था. उसके पिता श्यामा यादव ने बताया कि विजय ने पाइप लाइन के लिए काम करने को बताकर 11 मई से घर से निकला था. उसके बाद से उसका फोन लगातार स्विच ऑफ जा रहा था. वह किसी प्रकार के अपराध में लिप्त नहीं था. ऐसा परिजनों का कहना है. गौरतलब है कि लखनऊ सिविल कोर्ट में बुधवार को यानि आज मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्यारा वकील के कपड़े में था. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

पाइप लाइन डालने का काम कर रहा था

आरोपी के पिता श्यामा यादव के अनुसार, चार बेटों में वह दूसरे नंबर पर है. 24 साल का विजय यादव बीते दो माह से लखनऊ में रहकर सीवर व पेयजल पाइप लाइन को डालने के काम से जुड़ा हुआ था. इसके पहले वह मुंबई में टाटा कंपनी में मजदूरी का काम भी किया करता था. पिता श्याम का कहना है कि 15 दिन से उसका फोन बंद पड़ा था. परिवार के किसी सदस्य का उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था. इस कारण वे काफी परेशान थे.

मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या, जानें कौन है वो,,,,,,,।

पहले देवगांव थाने में पोस्को एक्ट में मुकदमा था दर्ज

विजय पर इससे पहले एक केस भी चल रहा था जो दो माह पहले खत्म हो गया. विजय यादव ने जौनपुर से बीकाम की पढ़ाई की. उसने मोहम्मद हसन पीजी कालेज जौनपुर से 2016 में बीकाम की पढ़ाई पूरी की. इस बीच उस पर आजमगढ़ के देवगांव की एक लड़की के अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. यह मामला आजमगढ़ में चल रहा था. पिता अपनी खेती के बलबूते अपना जीवन चला रहे थे. वहीं बड़े भाई स्वतंत्र यादव की शादी हो गई थी. वह भी मेहनत मजदूरी करके अपना जीवनयापन कर रहा था. तीसरे नंबर का भाई 19 वर्षीय सत्यम यादव चौथे नंबर का 17 वर्षीय सुंदरम यादव घर पर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.

परिजनों को नहीं थी घटना की जानकारी

इस घटना के मामले में परिजनों को कोई जानकारी नहीं थी. वह जौनपुर निवासी पिंटू के साथ लखनऊ गया हुआ था. उसका हर घर पर आना-जाना था. इधर 15 दिन से वह घर नहीं आ रहा था. उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था.

मुंबई में टाटा कंपनी में मजदूरी का काम भी किया करता था विजय
विजय किसी प्रकार के अपराध में लिप्त नहीं था
विजय यादव का फोन लगातार स्विच ऑफ जा रहा था