यूपी, इटावा के कोऑपरेटिव बैंक-पोस्ट ऑफिस में हुई चोरी का खुलासा, कबाड़ी बन वारदात को अंजाम देते थे चोर,,,।
उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) के जसवंत नगर थाना (Jaswant Nagar Police Station) क्षेत्र में बीते 27 मार्च के दिन कोऑपरेटिव बैंक (Cooperative Bank) में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था.बैंक के मैनेजर सुमित कुमार (Sumit Kumar) की ओर से चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसके बाद से पुलिस चोरों की तलाश में थी. चोरों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने 5 जून को फिर से जसवंत नगर के पोस्ट ऑफिस में चोरी की घटना का अंजाम दिया, जिसमें वहां कंप्यूटर, प्रिंटर सहित कई कीमती सामानों को चुरा लिया.
चोरी की घटना को अंजाम देने वाले दो चोर भागने की फिराक में सोमवार की रात्रि खड़े हुए थे. इसी बीच मुखबिर की सूचना पर दोनों चोरों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी निशानी पर चोरी का माल भी बरामद कर लिया गया. इटावा के एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जसवंत नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस में चोरी की घटनाओं का अंजाम देने वाले चोर शातिर किस्म के हैं. उनके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं. पकड़े गए चोर का नाम जितेंद्र यादव उर्फ जीतू पुत्र शैलेंद्र निवासी रेल मंडी थाना जसवंत नगर तो वहीं दूसरा सुदामा पुत्र प्रमोद वाल्मीकि निवासी गुलाब बाड़ी थाना जसवंत नगर है.
चोरी के सामान बरामद
बीते 27 मार्च को जसवंत नगर के एक कोऑपरेटिव बैंक में चोरी हुई थी, जिसमें सीपीयू-मॉनिटर सहित उपकरणों को चुराया गया था. इसी तरह से बीते 5 जून को जसवंत नगर के ही पोस्ट ऑफिस में भी इन चोरों ने चोरी की घटनाओं का अंजाम दिया था, जहां से इन्होंने सीपीयू-मॉनिटर और पैसे गिरने की मशीन सहित अन्याकरणों को चुरा लिया था. मुखबिर की सूचना पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस से चुराए हुए सामान सहित चोरी की घटना को अंजाम देने वाले औजार भी बरामद किए गए. दोनों स्थानों से चोरी किया गया सारा सामान, इन चोरों के पास से बरामद कर लिया गया है.
आगरा के बाजार में सामान बेच देते थे चोर
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा है कि पकड़े गए शातिर चोर क्षेत्र में बोरा लेकर कबाड़ा-पन्नी बिनने का काम करते थे. इस काम के बहाने यह चोरी करने वाले स्थान को टारगेट करते थे और वाहन चोरी की घटना को अंजाम देते थे. यह ज्यादातर कंप्यूटर संबंधी समान को ही चुराया करते थे और उन सभी सामानों को आगरा के बाजार में बेच देते थे.