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बीजेपी मीटिंग : बीजेपी में हो सकते हैं बड़े बदलाव, जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं के साथ की 'टिफिन बैठक',,,।

बीजेपी मीटिंग : बीजेपी में हो सकते हैं बड़े बदलाव, जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं के साथ की 'टिफिन बैठक',,,।

लोकसभा इलेक्शन 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक तरफ तमाम विपक्षी दलों के नेता बीजेपी को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी भी जीत की हैट्रिक की तैयारी में जुटी हुई है.बीजेपी ने अब मेगा प्लान पर एक्शन शुरू कर दिया है. इसी के तहत बुधवार (7 जून) को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं के साथ 'टिफिन बैठक' की. इस दौरान सभी लोगों ने साथ बैठकर खाना खाया और फिर चुनाव में जीत का मंत्र दिया. 

बीजेपी 2024 के चुनाव की तैयारी के लिए मैदान में उतर चुकी है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा गया है. 2019 के चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 64, बीएसपी को 10, कांग्रेस को 5 और 1 सीट कांग्रेस को मिली थी. इस बार चुनावी रणनीति बनाने को लेकर ताबड़तोड़ बैठकें चल रही हैं. इससे पहले सोमवार (5 जून) की रात 3 घंटे और मंगलवार (6 जून) को दिन में 5 घंटे तक बीजेपी दफ्तर में मीटिंग हुई. 

कुछ राज्यों में बदले जा सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद थे. बीजेपी सूत्रों की मानें तो अगले आठ से दस दिनों में मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे. यूपी और राजस्थान के प्रभारी भी बदले जाने की खबरें सामने आ रही हैं. कुछ राष्ट्रीय महासचिवों की छुट्टी हो सकती है. इसके अलावा नए चेहरों को संगठन में जगह दी जा सकती है और राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता के स्तर पर भी बदलाव होने की संभावना है. 

बड़े चेहरों को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी 

केंद्र सरकार में शामिल दो बड़े चेहरों को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है जबकि देश के दो बड़े राज्यों के उपमुख्यमंत्रियों को दो चुनावी राज्यों का प्रभार दिया जा सकता है. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे दो नेताओं को केंद्रीय संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसी साल अक्टूबर में राजस्थान समेत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. जबकि अगले साल मार्च महीने में लोकसभा चुनाव हो सकता है. विधानसभा चुनावों को देखें तो अब महज 3 महीने का ही समय बाकी रह गया है. ऐसे में राजनीतिक दल कुछ अहम बदलाव करने के मूड में हैं.