काशी में होगा 22 जुलाई से दुनिया के प्रमुख मंदिरों का सम्मेलन, RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे उद्घाटन,,,।
वाराणसी :: दुनिया के बड़े मंदिरों का सम्मेलन 22 से 24 जुलाई के बीच काशी में होगा। इसमें 25 देशों के 450 से ज्यादा मंदिरों के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
हिंदू के साथ ही सिख, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित मठ, मंदिर व गुरुद्वारों के पदाधिकारी भी आएंगे।इसका उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत करेंगे। पूरा कार्यक्रम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में होगा। टेंपल कनेक्ट की तरफ से पहली बार इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें मंदिर प्रबंधन, संचालन व प्रशासन के विकास, सशक्तीकरण पर चर्चा की जाएगी। टेंपल कनेक्ट के संस्थापक गिरेश कुलकर्णी, आईटीसीएक्स के चेयरमैन प्रसाद लाड और को क्यूरेटर मेघा घोष ने बताया कि पूरे विश्व में पूजा स्थल प्रधान की टीमों के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यपद्धति विकसित की जाएगी। स्थापना के साथ ही विकास व सक्षम बनाने की मुहिम आगे बढ़ाई जाएगी।
तीन दिवसीय कार्यक्रम अतुल्य भारत अभियान का हिस्सा है। इसमें पर्यटन मंत्रालय भी सहयोग कर रहा है। सम्मलेन के दौरान मंदिर, मठ और गुरुद्वारों में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव, भीड़ प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन और बुनियादी सुविधाओं में सुधार जैसे विषयों पर चर्चा भी की जाएगी।
भारत की समृद्ध पूजा स्थल परंपरा से रूबरू होगी दुनिया
सम्मलेन में जैन धर्मशालाओं, प्रमुख भक्ति धर्मार्थ संगठन, यूनाइटेड किंगडम के हिंदू मंदिरों के संघ, इस्कॉन मंदिर, अन्न क्षेत्र प्रबंधन, विभिन्न तीर्थ स्थलों के पुरोहित महासंघ और विभिन्न तीर्थयात्रा संवर्धन परिषद के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह सम्मेलन एक प्लेटफॉर्म का काम करेगा, जहां पूरे विश्व के धर्मस्थलों की विविध संस्कृतियों, परंपराओं, कला और शिल्प के बारे में सीखने के साथ-साथ भारत की समृद्ध पूजास्थल धरोहर से दुनिया भी रूबरू होगी।
तिरुमाला और त्रावणकोर के अधिकारी होंगे शामिल
सम्मेलन का आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 22 जुलाई को उद्घाटन करेंगे। इसमें मंदिरों के न्यासी, त्रावणकोर का राजकुमार (पद्मनाभस्वामी मंदिर), गोवा के पर्यटन मंत्री रोहण ए. खुन्ते, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी धर्म रेड्डी भी शामिल रहेंगे।
गंगा घाटों की सफाई से जुड़े लोग भी रखेंगे बात
सम्मेलन में हरित ऊर्जा, पुरातात्विक वास्तुशिल्प, लंगर प्रबंधन, प्रकाश व्यवस्था पर चर्चा होगी। तिरुपति बालाजी पूजास्थल के विशेषज्ञ पंक्ति प्रबंधन प्रणाली और वाराणसी के घाटों की सफाई व रखरखाव करने वाले सामाजिक संगठन के लोग भी शामिल होंगे। सत्रों को काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकाल ज्योतिर्लिंग, अयोध्या राम मंदिर, पटना साहेब गुरुद्वारा, चिदंबरम मंदिर और विरूपक्ष मंदिर हम्पी के प्रतिनिधि संचालित करेंगे। गिरेश कुलकर्णी ने कहा कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के समय से ही कुछ अंतराल पर बैठने की व्यवस्था, पेयजल और सुव्यवस्थित कतार लगनी जरूरी है।