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हिमाचल प्रदेश का 300 साल पुराना शिव मंदिर जिसने दिलाई केदारनाथ की याद,,,।

हिमाचल प्रदेश का 300 साल पुराना शिव मंदिर जिसने दिलाई केदारनाथ की याद,,,।

हिमाचल प्रदेश का पंचवक्त्र शिवमंदिर ::  इस वक्त पूरे देश की नजरें हिमाचल प्रदेश पर हैं, हिमाचल में भारी बारिश के कारण बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। जगह-जगह बादल फट रहे हैं और बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। इस बीच इस पहाड़ी प्रदेश के एक 300 साल पुराने शिव मंदिर ने केदारनाथ की याद दिलाई है। बाढ़ के पानी ने जहां सबकुछ बहा दिया वहीं इस शिव मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ, आइए इस शिव मंदिर के बारे में जानते हैं।

क्या है इस शिव मंदिर का नाम?

हिमाचल प्रदेश के जिस शिव मंदिर ने केदारनाथ मंदिर की याद दिलाई है उसका नाम पंचवक्त्र मंदिर है, इस मंदिर के कारण प्रकृति के प्रकोप के आगे इंसानी आस्था भारी पड़ रही है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है और भीषण बाढ़ में भी ज्यों का त्यों खड़ा है, यह मंदिर मंडी में है और इस वक्त मंडी भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की बेहद आस्था है। इस मंदिर का निर्माण राजा सिद्ध सेन ने 1684-1727 के बीच कराया था, इस मंदिर में भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा है जिस कारण इसका नाम पंचवक्त्र पड़ा है, यह मंदिर प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।

प्राचीन पत्थरों से बना है मंदिर, ब्यास नदी की ओर है इसका द्वार

भगवान शिव का यह मंदिर पत्थरों से बना हुआ है। देशभर में इस मंदिर की काफी मान्यता है। जहां ब्यास नदी में बाढ़ आई हुई है वहीं इस मंदिर को थोड़ा-सा भी नुकसान नहीं पहुंचा है, इसी कारण से इस मंदिर ने केदारनाथ आपदा के दौरान केदारनाथ मंदिर में हुई चमत्कार की याद दिला दी है। उस वक्त भी जब जल प्रलय के कारण केदारनाथ में सबकुछ बह गया था केदारनाथ मंदिर को जरा-सा भी नुकसान नहीं हुई थी। 

मंडी में 100 साल के बाद ऐसी बाढ़ आई है जिसमें मकान से लेकर पुल तक सबकुछ बह गए हैं लेकिन यह शिव मंदिर ज्यों का त्यों खड़ा है। मंदिर के बगल स्थित सुकेती खड्ड पर बने विक्टोरिया ब्रिज भी बह गया पर मंदिर चारों तरफ जल प्रलय से घिरे होने के बाद भी ज्यों का त्यों है, इस मंदिर की ऐसी तस्वीरें देखकर लोग केदारनाथ मंदिर को याद कर रहे हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के पांच रूप ईशान, अघोरा, वामदेव, तत्पुरुष और रुद्र को दिखाया गया है। मंदिर का मुख्य द्वार ब्यास नदी की ओर है, मंदिर में नंदी की एक भव्य मूर्ति है जिसका मुख गर्भगृह की ओर है। यह मंदिर संरक्षित स्मारकों में शामिल है।