Headlines
Loading...
40 साल की उम्र के बाद हर महिला के लिए मैमोग्राफी जरूरी, बताए स्तन कैंसर से बचाव के तरीके,,,।

40 साल की उम्र के बाद हर महिला के लिए मैमोग्राफी जरूरी, बताए स्तन कैंसर से बचाव के तरीके,,,।

महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जरूरी है कि महिलाएं 20 साल की उम्र के बाद से ही अपने स्तन का स्वयं परीक्षण करना शुरू कर दें। किसी भी प्रकार की गांठ का पता लगते ही चिकित्सक से परामर्श लें। यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक गांठ कैंसर का ही स्वरूप हो। 

40 की उम्र के बाद प्रत्येक महिला को मैमोग्राफी जरूर करानी चाहिए। यह बातें केपी गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित अपराजिता कार्यक्रम के दौरान कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनिया तिवारी ने कहीं।

मैमोग्राफी से स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद मिलती है। छात्राओं व शिक्षिकाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक करते हुए डॉ. सोनिया ने बताया, ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले पहले मेट्रो सिटीज में मिलते थे, लेकिन कुछ वर्षों से अब प्रयागराज व अन्य शहरों में इसके मामले तेजी से बढ़ रह हैं। इसके पीछे मोटापा, तंबाकू, शराब का सेवन और देर से बच्चा पैदा होना भी एक कारण है।

बताया कि आज कल फैशन में कुछ महिलाएं बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं। इससे भी ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ा है। स्तन में दो प्रकार की गांठ होती हैं, एक कैंसर की और दूसरी फाइब्रोसिस्टिक की। फाइब्रोसिस्टिक की गांठ सामान्य होती है। छोटी सी सर्जरी के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।

कैंसर होने का एक कारण छोटी उम्र में किसी बीमारी के इलाज में रेडिएशन का हुआ प्रयोग भी है। इसके अलावा बढ़ती उम्र और परिवार में किसी को कैंसर की बीमारी होने पर भी इसका खतरा बढ़ जाता है। 

कार्यक्रम में विद्यालय की उप प्रधानाचार्य डॉ. राखी चौधरी, डॉ. स्नेह सुधा, डॉ. शानू केसरवानी, नीता गुप्ता, डॉ. पारुल श्रीवास्तव, सरोजबाला रावत, किरन कुमारी, लता, प्रीति श्रीवास्तव, नेहा सक्सेना आदि मौजूद रहीं।

समय-समय पर कराना चाहिए अल्ट्रासाउंड

छात्राओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक करते हुए डॉ. सोनिया तिवारी ने पीपीटी के माध्यम से इलाज और बचाव के तरीकों को भी समझाया। बताया, 20 की उम्र के बाद महिलाओं को समय-समय पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। सही समय पर ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने पर उसका इलाज हो सकता है, लेकिन अगर यह चौथे स्टैज पर है, तो इलाज में समस्या आ सकती है।