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प्रयागराज : कागज पर 4505 नमूनों का मृदा परीक्षण, लाखों का गोलमाल, कागज पर ही कर दी गई जांच,,,।

प्रयागराज : कागज पर 4505 नमूनों का मृदा परीक्षण, लाखों का गोलमाल, कागज पर ही कर दी गई जांच,,,।

प्रयागराज जिले में मृदा परीक्षण के नाम पर लाखों रुपये के गोलमाल की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। आरोप है कि मिट्टी के नमूनों की जांच कागज पर ही कर ली गई। इसके लिए रसायनों की खरीद में भी बोगस फर्मों के जरिए मनमाना बिल बनाकर भुगतान करा लिया गया है। हालांकि इस मामले में उच्चाधिकारियों का कहना है कि अभी उन तक यह मामला नहीं पहुंचा है, शिकायत मिलते ही जांच कराई जाएगी।

कृषि विभाग में श्रेणी एक के कर्मचारी पद से सेवानिवृत्त हुए डोनेल्सन दास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी है। सीएम को भेजे गए पत्र में सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण/कल्चर) डॉ. एचएन सिंह पर मृदा परीक्षण के नाम पर राजकीय धन के गंभीर गोलमाल के आरोप लगाए गए हैं।

कहा गया है कि एचएन सिंह ने वर्ष 2021 से मृदा सर्वेक्षण अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाला है। इसके बाद से अब तक उन्होंने मृदा परीक्षण के नाम पर बड़े पैमाने पर हेराफेरी की है। क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला के आवंटित बजट के साथ मृदा सर्वेक्षण कार्य के लिए जारी बजट का भी गबन किया गया है।

पिछले दो वित्तीय वर्षों में मिट्टी के 4505 नमूनों की जांच सिर्फ कागज पर करा ली गई है। वर्ष 2021-22 में 2362 और 2022-23 में 2143 नमूनों की जांच के नाम पर बिल आहरित किया गया है। जबकि विभाग के रिकॉर्ड में इन दोनों वित्तीय वर्षों में मृदा परीक्षण के लिए जरूरी एसिटिलीन गैस की खरीद ही नहीं कराई गई है। जब तक यह गैस नहीं उपलब्ध होगी, तब तक मृदा परीक्षण संभव ही नहीं है।

इसके अलावा जेम पोर्टल का सहारा लेकर बोगस फर्मों के जरिए मृदा परीक्षण के नाम पर एक्टिवेटेड चारकोल, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, डीटीसीए, ईडीटीए, सोडियम क्लोराइड, कैल्शियम क्लोराइड, सिल्वर नाइट्रेट, पीएच कैप्सूल जैसे 20 रसायनों की खरीद अधिक दरों पर कर बिलों का भुगतान कराया गया है। जिले की प्रतिष्ठित फर्मों को नजरअंदाज कर ऐसी फर्मों से रसायनों की खरीद की गई, जिनकी सामग्री प्रयोगशाला में इस्तेमाल करने योग्य ही नहीं थी।

इतना ही नहीं इन रसायनों को मार्केट रेट पर कम दरों वालों फर्मों से न खरीदकर अधिक दरों वाली फर्मों से खरीदा गया। बिना एसिटिलीन गैस की खरीद के फर्जी तरीके से से मृदा परीक्षण की रिपोर्ट तैयार की गई है। उधर, सहायक निदेशक एचएन सिंह का कहना है कि एसिटिलीन गैस की खरीद की गई है। उन्होंने मानक के तहत प्रयोगशाला में मिट्टी के नमूनों की जांच कराई है।

मृदा परीक्षण में गड़बड़ी की शिकायत पर शासन की ओर से जांच गठित की जा चुकी है। हालांकि, अभी तक मेरे समक्ष यह प्रकरण नहीं आया है। शिकायत मिलने पर इसकी जांच की जाएगी। -आरके मौर्य, संयुक्त निदेशक (कृषि)।