प्रयागराज : बिजली विभाग का खेल निराला, प्रीपेड मीटर वालों को 8.85 लाख का आरसी भेज डाला,,,।
प्रयागराज :: बिजली विभाग का भी खेल भी निराला है। विभाग के एक कारनामे का उपभोक्ता खूब मजाक बना रहे हैं। दरअसल, विभाग ने कई प्रीपेड कनेक्शनधारियों को भी बकाये का आरसी जारी कर दिया। आरसी में उपभोक्ताओं पर लाखों रुपये तक का बकाया है। आरसी प्रपत्र-36 के तहत उपभोक्ताओं को मिली नोटिस में 15 दिनों के भीतर भुगतान करने के लिए कहा गया है। एक उपभोक्ता को तो 8.85 लाख रुपये बकाये की आरसी थमा दी गई है।
नोटिस मिलते ही उपभोक्ताओं के पहले तो होश उड़ गए, लेकिन बाद में बिजली विभाग की लापरवाही उजागर हुई। उपभोक्ताओं ने कहा कि इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हो सकती है। प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल करने वाला तो पहले ही भुगतान कर देता है, फिर बकाये का आरसी कैसे। हैरत की बात यह है कि यह आरसी जिस अपार्टमेंट के उपभोक्ताओं को जारी की गई है, उसी अपार्टमेंट में विभाग के अधिशासी अभियंता भी रहते हैं।
अल्लापुर के बाघम्बरी रोड स्थित संगम लाइन लिंक अपार्टमेंट में शनिवार की शाम राजस्व संग्रह अमीन राजेश कुमार तिवारी पहुंचे। उन्होंने अपार्टमेंट के 25 लोगों को आरसी की नोटिस थमा दी। नोटिस में डॉ. भैया लाल को 70 हजार, सरिता जायसवाल को 87 हजार, मधु सिंह को 90 हजार, नीरज कुमार श्रीवास्तव को 8.85 लाख रुपये का बकायेदार बताया गया है।
कई अन्य लोगों के साथ इन सभी से बकाया राशि जमा करने के साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। नोटिस में यह भी लिखा है, बकाया नहीं जमा करने या स्पष्टीकरण नहीं देने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अल्लापुर के पार्षद विनय मिश्रा उर्फ सिंटू के पास अपार्टमेंट के लोग पहुंचे और बताया कि अपार्टमेंट में सभी के घर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा हुआ है। प्रीपेड मीटर में पहले ही बिजली बिल का भुगतान कर देना होता है।
इस मीटर के उपभोक्ताओं को बिजली का बिल भी नहीं दिया जाता है। तो फिर बकायेदार कैसे। पार्षद ने कहा कि यह विभाग की बड़ी लापरवाही है। कुछ उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि आरसी को वापस करने में या फिर खत्म कराने में भी कुछ भुगतान करना होता है। अब अगर बिजली विभाग के अधिकारी इस आरसी को वापस लेते हैं, तो यह भुगतान कौन करेगा।
प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को आरसी मिलने की जानकारी प्राप्त हुई है। यह चूक कैसे हुई है, इसकी जांच की जाएगी। जिन उपभोक्ताओं के पास आरसी पहुंची है, वह कार्यालय में आकर इसे सही करा सकते हैं। सभी की आरसी वापस ली जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -आरएन सिंह, अधिशासी अभियंता, रामबाग, प्रयागराज।