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काशी में नमामि गंगे ने दिया पर्यावरण बचाने का संदेश, जगाई प्रकृति से प्रेम की अलख ,,,।

काशी में नमामि गंगे ने दिया पर्यावरण बचाने का संदेश, जगाई प्रकृति से प्रेम की अलख ,,,।

वाराणसी :: पौध-रोपण, बिजली- पानी की बचत और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश देकर 28 जुलाई शुक्रवार को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर नमामि गंगे और 137 सी ई टी एफ बटालियन (प्रादेशिक सेना) 39 गोरखा राइफल गंगा टास्क फोर्स के जवानों ने नमो घाट पर प्रकृति से प्रेम करने की अलख जगाई । 

मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) का मंत्र देकर पर्यावरण-संरक्षण के लिए लोगों में आम, अमरूद, आंवला, लेमनग्रास आदि पौधों का वितरण किया गया । गंगा तट की स्वच्छता बनाए रखने के लिए सभी को संकल्पित किया गया। 

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि भारत की माता-बहनें हजारों सालों से प्रकृति के प्रति संवेदनशील रही हैं, पेड़-पर्वतों की पूजा में उनका प्रकृति के प्रति आदर भाव अभिव्यक्त होता था। वर्तमान पीढ़ी को भी पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा, यदि हमने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को हम रहने लायक नहीं छोड़ पाएंगे। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पौध-रोपण, बिजली की बचत, पानी बरबाद न करने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लेना होगा। इन आदतों में परिवर्तन कर हम धरती की सेवा कर सकते हैं । 

गंगा टास्क फोर्स के सूबेदार शिवेंद सिंह ने कहा कि विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने के लिए ध्यानाकर्षण कराता है । पौधा लगाकर और उसे बचाकर हम स्वस्थ भारत की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला , गंगा टास्क फोर्स के सूबेदार शिवेंद सिंह और जवान , गौरव सिंह, राजकुमार, सुमन सिंह, सुरभि गुप्ता, सुधाकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।