जब मुगल सनातन धर्म नष्ट करने के लिए उतावले थे, तब गांव-गांव में होती थी रामलीला,,,।
यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मुगल आक्रांता भारत के सनातन धर्म और संस्कृति को नष्ट करने के लिए उतावले दिख रहे थे, तब गांव-गांव में रामलीलाओं के आयोजन हो रहे थे। यह रामचरितमानस की प्रेरणा को दिखाता था। गांव-गांव में रामलीला जनचेतना को जागृत करने के साथ ही सभी को एकजुट करने का काम करती है। पूरा समाज इसके आयोजन में जुटता है। उन्होंने यह बातें श्रीमद्देवी भागवत महापुराण की व्याख्या सहित डॉ. समीर त्रिपाठी के स्वर में संगीतमय प्रस्तुति के विमोचन अवसर पर कहीं।
योगी ने कहा कि जब संत तुलसीदास ने संस्कृत में आधुनिक रामायण लिखने का प्रयास किया तो ग्रंथ हमेशा नष्ट हो जाता था। अंततः काशी में खुद भगवान विश्वनाथ ने दर्शन देकर उन्हें संस्कृत नहीं, लोक भाषा में रचना करने को कहा। तब लोक भाषा के रूप में अवधी को महत्व दिया गया और तुलसीदास काशी से अयोध्या आए।
उन्होंने मानस को अवधी में लिखना प्रारंभ किया। तुलसी जी ने उस समय जो कुछ भी रामचरितमानस के माध्यम से हम सबके बीच में किया वह लोक भाषा का परिणाम है। मुगल आक्रांता के समय भी उन्होंने एक नई चेतना का जागरण किया। धर्म को इसका माध्यम बनाया।
सीएम ने कहा कि लोग आज जहां जा रहे हैं, जो खोज रहे हैं। हमारी ऋषि परंपरा उसे पहले बता चुकी है। कार्यक्रम में मेधज एस्ट्रो के सीएमडी समीर त्रिपाठी, उनकी मां रेखा त्रिपाठी, अलका त्रिपाठी, गुंजन त्रिपाठी, पूर्व मंत्री व एमएलसी डॉ. महेंद्र सिंह, एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश मौजूद रहे।