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वाराणसी : अपने ही घर में रहने को तरस रही बेबस मां, डीएम, सीपी से की फरियाद,,,।

वाराणसी : अपने ही घर में रहने को तरस रही बेबस मां, डीएम, सीपी से की फरियाद,,,।

वाराणसी :: कलयुग में दौलत की हवस ने लोगों को अंधा बना दिया है। जमीन जायदाद के लिए जब कोख से जन्मा बेटा ही अपनी लाचार और बीमार मां को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए फुटपाथ पर छोड़ दें तो दुनिया के लोगों से क्या उम्मीद की जाए।ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के काजीपुर कलां में। 

बेटे ने बीमार मां को घर से बाहर निकाल दिया 

काजीपुर कलां की रहने वाली नजमा बेगम (85 साल) को उनके बेटे अबरार आलम ने लाचार बेबस और बीमारी के हाल में घर से बाहर निकाल दिया है। एक समय रहा होगा जब नजमा बेगम के यहां बेटे का जन्म हुआ होगा तो पूरे मोहल्ले में मिठाई बांटी गई होगी। घर में गीत गाया होगा। लेकिन वही बेटा अब उस मां के साथ दुश्मनों जैसा सलुक कर रहा है। मोहल्ले के लोग बेटे अबरार आलम को जमकर कोस रहे हैं।

पिता ने जीते-जी कर दिया था संपत्ति का बंटवारा

अब आपको पूरा वाक्या बताते हैं, नजमा बेगम पत्नी स्व. अमीर आलम के तीन पुत्र हैं, जिसको अपने जीवन काल में पिता ने सबको अलग-अलग संपत्ति का बंटवारा कर उसको रजिस्ट्री कर दिया था। जिसमें काजीपुरा कलां स्थित घर को अपने मंझले बेटे इरशाद आलम की पत्नी तलत अनवर के नाम रजिस्ट्री की है, जो 2006 में उनके देवर अबरार अलाम ने 6 महीने रहने के लिए मांगा था। जिसके कुछ दिन बाद घर के नीचे हिस्से में दो दुकान और मांग की और करने लगा। जिसमें कब्जा पाने के बाद वो निकलने के नाम नहीं ले रहा था। जिसको लेकर इरशाद आलम ने सन 2011 में कोर्ट में बेदखली का मुकदमा दर्ज किया है।

मां हुई हॉस्पिटल में भर्ती, तो उसका कमरा भी हड़प लिया!

इसके बाद इरशाद आलम की अतिवृद्ध माता की तबीयत खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटल में रहना पड़ा। आरोप है कि हॉस्पिटल रहने के दौरान अबरार आलम ने मां के कमरे को भी हड़प लिया। जिसको लेकर दशाश्वमेध पुलिस एवं एसीपी के पास इरशाद आलम सुनवाई के लिए गए, जहां उनकी बात नहीं सुनी गई तो आज वह जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। पुलिस कमिश्नर को पत्रक सौंपा जहां एडीसीपी ममता रानी ने पत्रक लेकर कार्रवाई की बात कही है। 

उन्होंने दशाश्वमेध थाना प्रभारी को महिलाओं एवं बच्चों पर किए गए पुलिस कार्रवाई को समाप्त करने की भी बात कही है। वही, पूरे मामले को लेकर नजमा बेगम ने बताया कि वृद्धावस्था में वह कहीं आने जाने लायक नहीं है, फिर भी उनके बेटे द्वारा घर से उनको निकाल दिया गया है। वह चाहती हैं कि उनको रहने के लिए घर मिले। जिससे वह वृद्धावस्था में अपना जीवन यापन आसानी से कर सकें।