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वाराणसी : मणिकर्णिका घाट पर चढ़ा पानी, छत पर शवदाह; कांवड़ियों और पंचक्रोशी यात्रियों की कठिन होगी राह,,,।

वाराणसी : मणिकर्णिका घाट पर चढ़ा पानी, छत पर शवदाह; कांवड़ियों और पंचक्रोशी यात्रियों की कठिन होगी राह,,,।

वाराणसी : गंगा के जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार भले धीमी हो लेकिन दिक्कतों के बढ़ाव गति तेज होने लगी है। रविवार को 10 मिलीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा का जलस्तर रात तक 61.97 मीटर तक पहुंच गया।इससे महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के निचले हिस्से में स्थित प्लेटफार्मों पर पानी चढ़ गया। इससे छत पर भी शवदाह किया जाने लगा। इसके अलावा घाट किनारे के कई मंदिर डूब गए हैं।

भदैनी घाट पर ऊपर तक पानी चढ़ जाने के कारण घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। मीर घाट पर सीढ़ियां डूबीं तो लोगों ने आवागमन के लिए बांस से प्लेटफार्म बना कर आवागमन का रास्ता निकाला। जैन घाट पर तीन सीढियां दिख रही हैं।

कांवड़ियों और पंचक्रोशी यात्रियों की कठिन होगी राह

गंगा का जलस्तर प्रयागराज में अभी बढ़ाव पर है। इससे माना जा रहा है गंगा के जल स्तर में वृद्धि तेज हो सकती है। कांवरियों का घाटों के रास्ते भी आवागमन होता है तो 18 जुलाई को अधिमास शुरू हो रहा है। इसमें पंचक्रोशी यात्रा भी शुरू होगी। घाटों का संपर्क भंग होने से उन्हें दिक्कतें झेलनी होंगी।

जल स्तर बढ़ने से नावों का परिचालन बंद होने पर उन्हें गलियों का सहारा होगा। अभी चेतावनी बिंदू दूर लेकिन बढ़ रही धड़कनें वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर तो खतरे का निशान 71.262 है। अभी तक सबसे उच्च स्तर पर गंगा का जल स्तर नौ सितंबर 1978 को 73.901 तक पहुंचा था।