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16 साल से फरार गोरखपुर दंगे का मुख्‍य आरोपी गिरफ्तार, इसकी वजह से 11 दिन जेल में रहे थे योगी आदित्यनाथ,,,।

16 साल से फरार गोरखपुर दंगे का मुख्‍य आरोपी गिरफ्तार, इसकी वजह से 11 दिन जेल में रहे थे योगी आदित्यनाथ,,,।

Gorakhpur Riot Accused Arrested: 2007 में हुए गोरखपुर दंगे के मुख्य आरोपित शमीम को कोतवाली पुलिस ने 16 साल बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शमीम और उसके पिता को राजकुमार अग्रहरि की हत्या के आरोप में 10 अक्टूबर 2012 में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। उसका पिता सजा काट रहा है जबकि शमीम फरार था और चेन्नई में छिपा था। बताया जा रहा है कि वह तिवारीपुर इलाके में आया था इस बीच पुलिस ने उसे दबोच लिया।

बता दें कि दंगे में तत्कालीन पुलिस प्रशासन की नाकामी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर तब सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें 11 दिन तक जेल में रहना पड़ा था। योगी की गिरफ्तारी के बाद गोरखपुर में हालात कुछ यूं बिगड़े कि शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया। शहर के व्यापारियों ने खुद ही अपनी दुकानों को बंद कर दिया। 11 दिन तक शहर की दुकानें बंद रहीं। गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने जमानत पर छूटने के बाद 12 मार्च 2007 को संसद में दंगे को लेकर बयान दिया था। इस दौरान वह भावुक हो गए थे। 

कोतवाली थानाक्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी के बेटे राजकुमार अग्रहरि की साल 2007 में मोहर्रम के दिन जुलूस के दौरान हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने तलवार और चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर राजकुमार की जान ले ली थी। इस घटना के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था।

मोहर्रम जुलूस के दौरान की गई थी हत्या
2007 में हुए गोरखपुर दंगे के मुख्य आरोपित शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शमीम पर राजकुमार की हत्या का आरोप था। राजकुमार के पिता राजेंद्र ने तिवारीपुर थानाक्षेत्र के निजामपुर निवासी मो. शमीम, उसके पिता व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

बताया था कि कोतवाली क्षेत्र के एक मिनारा मस्जिद नसीराबाद के पास अंडे के ठेले पर किसी बात को लेकर राजकुमार से शमीम का विवाद हुआ था। मोहर्रम के जुलूस के दौरान एक मिनारा मस्जिद के पास ही तलवार और चाकू से शमीम और उसके पिता शफीउल्लाह तथा अन्य ने राजकुमार पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया था।

जुलूस के साथ मौजूद पुलिस टीम ने राजकुमार को अपनी जीप से बीआरडी पहुंचाया, जहां राजकुमार की मौत हो गई। शमीम को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि 16 अगस्त 2007 को कोर्ट से उसे जमानत मिली और इसके बाद वह फरार हो गया। तभी से कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो रहा था लेकिन वह हाजिर नहीं हो रहा था। हत्या के मामले में दस अक्टूबर 2012 में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एसपी सिटी ने बताया कि सजा के डर से शमीम चेन्नई भाग गया था। वह गोरखपुर आया था इसी बीच उसे गिरफ्तार किया गया।