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वाराणसी : जिला जज ने मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन पर सुरक्षित रखा फैसला, 27 सिंतबर को फैसला तय,,,।

वाराणसी : जिला जज ने मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन पर सुरक्षित रखा फैसला, 27 सिंतबर को फैसला तय,,,।



वाराणसी। जनपद न्यायाधीश वाराणसी के कोर्ट में पांच वादिनी महिलाओं के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद के मूलवाद में जिला जज की अदालत में आज फैसला टल गया। ज्ञानवापी मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन पर जिरह के बाद सुरक्षित फैसला अब कल 27 सितंबर को आएगा। एक अधिवक्ता परिजन के निधन के चलते कोर्ट में शोक सभा के बाद न्यायकार्य नहीं किया गया। जिला जज ने फैसले के लिए 27 सितंबर की तारीख तय की और वादी समेत सभी पक्षों को फैसले के समय न्यायालय में रहने का आदेश दिया।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ज्ञानवापी मस्जिद के बजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के श्रृंगार, रागभोग, आरती, स्तवन, पूजन, दर्शन के बिन्दु पर आज फैसला देंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका समेत मूलवाद के में विगत कई दिनों से टल रही सुनवाई पर 27 सिंतबर को फैसला दिया जाएगा। इसमें शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के दर्शन-पूजन का अधिकार मांगा गया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का दावा था कि ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के राग-भोग और दर्शन-पूजन का अधिकार हर सनातनी को है।

वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने बिना फीस जमा किए और कोर्ट की ओर से रिट जारी किए बगैर ASI द्वारा सर्वे किए जाने कि बात कही है। इसपर हिन्दू पक्ष ने आपत्ति जताई थी और कहा कि कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे कर रही है। ऐसे में फीस जमा किया जाना आवश्यक नहीं है। इस मामले में भी कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है।


वाद के जरिये आरोप लगाया गया कि अंजुमन इंतेजामिया मसासिद कमेटी व्यासजी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है। तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दे दिया जाए। वहां पहले की तरह पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति दी जाए। यह मामला अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी के जरिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया था।