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क्या आप जानते हैं ?देश के 40 फीसदी सांसदों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, कांग्रेस के 26 तो भाजपा के कितने? यहां जानें,,,।

क्या आप जानते हैं ?देश के 40 फीसदी सांसदों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, कांग्रेस के 26 तो भाजपा के कितने? यहां जानें,,,।

भारत के सर्वोच्च सदन संसद में बैठे सदस्यों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर एडीआर ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि देश के 40 फीसदी सांसदों पर किसी न किसी तरह का आपराधिक मुकदमा चल रहा है। इनमें से 25 फीसदी पर तो हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध का मामला भी दर्ज है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...

कांग्रेसे के 26 सांसदों पर गंभीर केस

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के 398 सांसदों में से 98 सांसदों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। कांग्रेस के 81 में से 26, तृणमूल के 36 में से 7, राजद के 6 में से 3, माकपा के 8 में से, YSR कांग्रेस के 31 में से 11, आम आदमी पार्टी के 11 में से एक और एनसीपी के 8 में से 2 सांसदों ने अपने ऊपर लगे गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।

इन पर हैं आपराधिक मामले

एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के 385 में से 139, कांग्रेस के 81 में से 43, तृणमूल के 36 में से 14, राजद के 6 में से 5, माकपा के 8 में से 6, आम आदमी पार्टी के 11 में से 3, YSR के 31 में से 13 और एनसीपी के 8 में से 3 सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकारी है। इसके मुताबिक, 763 मौजूदा सांसदों में कुल 40 फीसदी यानी की 306 सांसदों ने अपने ऊपर लगे आपराधिक मुकदमों की जानकारी दी है। 11 मौजूदा सांसदों ने हत्या, 32 सांसदों ने हत्या के प्रयास और 21 सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े आपराधिक मामलों की घोषणा की है।

ये हैं सबसे अमीर सांसदों वाला राज्य

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रति सांसद उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना है। यहां के सांसदों की औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है। इसके बाद आंध्र प्रदेश की प्रति सांसद औसत संपत्ति 150.76 करोड़ रुपये है। तीसरे पर पंजाब (88.94 करोड़ रुपये ) है। सांसदों की सबसे कम औसत संपत्ति वाला राज्य लक्षद्वीप (9.38 लाख रुपये) है। इसके बाद त्रिपुरा (1.09 करोड़ रुपये), मणिपुर (1.12 करोड़ रुपये) का नंबर है।