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विधर्मियों के मुंह पर करारा तमाचा :: मिलिए इस मुस्लिम 'संत' से, जो मंदिरों में गाते हैं रामायण की चौपाई, जानें वजह,,,।

विधर्मियों के मुंह पर करारा तमाचा :: मिलिए इस मुस्लिम 'संत' से, जो मंदिरों में गाते हैं रामायण की चौपाई, जानें वजह,,,।

देश में सनातन धर्म को समाप्त करने वाले बयान पर घमासान मचा हुआ है। समर्थक और विरोधी पक्ष के लोग इस चर्चा में भिड़े हुए हैं। कोई इसके समर्थन में है तो कोई इसकी आलोचना कर रहा है। वहीं, भारत देश इन सब के बीच मिशाल बन कर खड़ा है। जहां हर धर्म के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं, ऐसी ही एक तस्वीर बिहार के मसौढ़ी से सामने आई है। 

यह बिहार वह राज्य है जहां के शासको ने प्रमुख रूप से वोट की राजनीति करने के लिए धर्म का इस्तेमाल करके शासन करने की नीति बनाई। उसी जगह से एक तरफ मस्जिदों में नमाज पढ़वाने के बाद दूसरी तरफ मंदिरों में रामायण गीता का पाठ करने वाला यह मुस्लिम शख्स ऐसे लोगों के मुंह पर कारारा तमाचा के रूप में प्रस्तुत है। जहां पर कुछ स्वार्थी नेतागण धर्म की राजनीति करते हैं।

जहां एक मुस्लिम शख्स बीते कई सालों से नमाज पढ़ने के साथ मंदिरों में रामचरित्रमानस का पाठ भी करता है। इस दौरान उसके साथ हिन्दू भाई भी रहते हैं, यह शख्स छाता गांव का रहने वाला है। गांव में हिन्दू मुस्लिम परिवार के लोग रहते हैं। एक परिवार से संबंध रखने वाले इस शक्श का नाम मोहम्मद इस्माइल है।

मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद मंदिर में करते हैं पूजा

गांव के लोगों को मोहम्मद इस्माइल कि दिनचर्या हैरान करती है। वह मस्जिद में नमाज भी अदा करते हैं। साथ ही मंदिरों में बहुत ही आस्था के साथ रामचरित्रमानस का पाठ भी करते हैं। शुरू में जब मंदिरों में पाठ होता था तो वह मंदिरों के बाहर खड़े होकर सुनते थे। एक दिन किसी हिन्दू भाई की नजर पड़ी तो इस शख्स की आस्था देख उसे मंदिर में बुलाया गया।

सभी धर्मों का मालिक- मो. इस्माइल

उसके बाद तो जैसे इस शख्स को खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आज सनातन धर्म का कोई भी आयोजन हो तो मोहम्मद इस्माईल के बिना अधूरा समझा जाता है। मोहम्मद इस्माइल लोगों को आपस में भाईचारे के साथ रहने का संदेश देते हैं। इस्माइल का कहना है कि सभी धर्मों के मालिक एक हैं, फिर आपस में क्यों बैर रखना है? सबको आपस में मिलकर रहना चाहिए। हिन्दू लोग भी आपसी भाईचारे की बात कर उसकी बातों का समर्थन करते है।