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अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से भूखा नहीं जाएगा कोई राम भक्त, हर दिन सीता रसोई से मिलेगा उसे भोजन,,,।

अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से भूखा नहीं जाएगा कोई राम भक्त, हर दिन सीता रसोई से मिलेगा उसे भोजन,,,।

अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर रामभक्तों के लिए सीता रसोई में भोजन की व्यवस्था रहेगी। शुरुआत के कुछ दिनों तक इस व्यवस्था की रणनीति पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, विहिप, मंदिर मठ व सामाजिक संगठन काम कर रहे हैं। इसके लिए जगह जगह सीता रसोई के रूप में अन्न क्षेत्र विकसित किए जाने की योजना है।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से प्रतिदिन पांच लाख रामभक्तों के लिए कम से कम पंद्रह दिनों तक की तैयारी पर काम शुरू हो चुका है। अयोध्या धाम में अब तक पंद्रह से अधिक अन्न क्षेत्र चिन्हित किए जा चुके हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने तो राशन इकट्ठा करने के लिए बकायदा अपील भी जारी की है। 

पांच हजार मठ मंदिरों में तैयारी तेज 

राममंदिर आंदोलन की तर्ज पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए रामनगरी अयोध्या तैयार हो रही है। कभी कारसेवकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करने वाले स्थानीय पांच हजार से अधिक मठ मंदिरों ने इसके लिए कमर कस ली है। स्थानीय सामाजिक संगठन, व्यवसायी इसकी तैयारी में आगे आए हैं।

रामबल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास कहते हैं कि हमारे यहां तो प्रतिदिन सैकड़ों भक्त प्रसाद पाते हैं, जनवरी के लिए भी हमने अपनी तैयारी पूरी की है। प्रतिदिन पांच हजार लोगों को निशुल्क भोजन कराने वाले आमवा राममंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ने हमसे कहा है, हमारे यहां भक्तों का स्वागत है हम पीछे नहीं हटेंगे। 

सीता रसोई के लिए स्थान हो रहे चिह्नित

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र व विहिप ने पिछले दिनों कई दौर की बैठकें अयोध्या के मठ मंदिरों के संतों के साथ की है। इसमें अयोध्या क्षेत्र में अन्न क्षेत्र चिन्हित करने की रणनीति बनी है। मठ मंदिरों से तैयारी की अपील की गई है। राम जानकी मंदिर स्वर्गद्वार के वरुण दास कहते हैं कि इसमें सभी ने यह अनुमान लगाया कि बिना बुलाए ही पांच लाख लोग औसतन प्रतिदिन आएंगे। इसके लिए हम लोगों ने अयोध्या में प्रवेश के सभी मार्गो पर 25 किलोमीटर की परिधि में अन्न क्षेत्र विकसित किए जाने की रणनीति बनी है। यह व्यवस्था कम से कम पंद्रह बीस दिनों तक के लिए करनी पड़ेगी उसके बाद धीरे धीरे बाजार खुद को व्यवस्थित कर लेगा। 

ठहरने के लिए भी युद्ध स्तर पर तैयारी 

अयोध्या में अचानक बढ़ने वाली श्रद्धालुओं की संख्या को ध्याम में रखते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां तेज कर दी है। अब तक तीस से अधिक नए होटलों को मंजूरी दी जा चुकी है। प्रशासन ने दो अक्तूबर से सौ दिन सौ होटल कानक्लेव की शुरुआत की है। अभियान के तौर पर सिंगल विंडो सिस्टम से व्यवसाइयों को होटल बनाने को प्रेरित किया जा रहा है। पेइंग गेस्ट योजना के साथ एक हजार घरों को अयोध्या विकास प्राधिकरण जोड़ने का काम कर रही है।