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गणेशोत्सव : माता गौरा के लाल पर निहाल हुई,, परमपिता शिव की काशीनगरी,,,।

गणेशोत्सव : माता गौरा के लाल पर निहाल हुई,, परमपिता शिव की काशीनगरी,,,।

वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी में पार्वतीनंदन गणेश के जन्मोत्सव का सोमवार को शुभारंभ हुआ। गणेश उत्सव पर काशी गौरा के लाल पर निहाल है। प्रथमेश के नाम का जमकर जयकारा लगा। पूजन-स्तवन और नमन करते भक्त भक्ति में रमे रहे। प्राचीन मंदिरों में भक्तों ने शीश झुकाए जबकि सार्वजनिक उत्सव के अंतर्गत उन्होंने रच-रच कर गजानन का दरबार सजाया।

126वां वर्ष : काशी गणेशोत्सव कमेटी 

काशी के प्रथम सार्वजनिक गणेशोत्सव का गौरव रखने का श्रेय ब्रह्मा घाट स्थित काशी गणेशोत्सव कमेटी को है। कमेटी ने इस वर्ष 126वें गणेशोत्सव का परंपरागत आयोजन किया है। कमेटी के सदस्य प्रात: काल दूधविनायक मंदिर के निकट इकट्ठा हुए। डोली पर विराजमान भगवान विनायक को पारंपरिक पदों का गान करते हुए गाजे-बाजे के साथ मंगल भवन तक लाया गया। मंगल भवन में पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने विनायक की अगवानी की। फिर कमेटी के पदाधिकारियों ने वैदिक विधि से गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की।

115वां वर्ष : नूतन बालक गणेशोत्सव 

नूतन बालक गणेशोत्सव समाज सेवा मंडल के सप्तदिवसीय महोत्सव का उद्घाटन बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो. बृंदा परांजपे ने किया। विशिष्ट अतिथि उद्योगपति विजय चौधरी थे। भगवान गणेश की प्रतिमा परंपरागत पद्य 'गजानना ला नेऊ घरी के गान के बीच दूधविनायक से पालकी में उत्सव स्थल पर लाई गई I श्रीमूर्ति की स्थापना वेदमूर्ति अनिमेष वीरेश्वर दातार एवं पं. हेमंत जोशी के आचायर्त्व में हुई I दूर्वा से सहस्रनामार्चन हुआ। मराठा परिवार की मूर्धन्य विभूतियों की स्मृति में गणेश विद्या मंदिर के विद्यार्थियों-अंजली साहनी, सलोनी विश्वकर्मा, प्रिंस यादव, अदिति शर्मा, सेजल यादव, शौर्य सेठ, अमन विश्वकर्मा, प्रार्थना कन्नौजिया, अदिति गोस्वामी को पुरस्कृत किया गया।

95वां वर्ष : शारदा भवन 

अगस्त्यकुंडा स्थित प्राचीन शारदा भवन में 95वां गणेशोत्सव धूमधाम से आरंभ हुआ। पं. यादवराव पाठक एवं पं. विनोदराव पाठक के संयोजन में भगवान गणेश का पूजन 21 प्रकार की वनस्पतियों से हुआ। इनमेंशमी, अगस्ति, मरु, बृहती, दाडिम, करवीर, अश्वत्थ, केतकी, जाती, भृंग, धतूर, मालती, अर्क, अर्जुन, दूर्वा, अपामार्ग, देवदारु, विल्व, बदरी,तुलसी एवं विष्णुक्रान्ता शामिल हैं। मंगलमूर्ति को 111 किलो मोदक का भोग लगा। सप्ताहव्यापी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ शाम को कवि सम्मेलन से हुआ।

37वां वर्ष : आंध्र तारक आश्रम 

मानसरोवर स्थित श्रीराम तारक आंध्र आश्रम में 37वें श्रीगणेश नवरात्र महोत्सव के प्रथम दिन प्रातः 9:00 बजे पंचधातु से बनी श्रीगणेश मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दक्षिण भारतीय पद्धति से की गई। फिर मंडप आराधना, कंकण धारण, अष्ट दिक्पाल, नवग्रह पूजा, गणेश प्रतिमा का पंचामृत रुद्राभिषेक, सहस्रनाम पूजा, मंगल आरती एवं मंत्र पुष्पम किया गया। पूजन के दौरान बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय भक्तों की उपस्थिति रही। समस्त पूजन मैनेजिंग ट्रस्टी वीवी सुंदर शास्त्री एवं मैनेजर वीवी सीताराम ने संपादित किए।

25वां वर्ष: श्रीकाशी विश्वनाथ गणपति महोत्सव 

मछोदरी स्थित श्रीकाशी विद्या मंदिर में 25वें श्री काशी विश्वनाथ गणपति महोत्सव का शुभारंभ श्रीमूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ हुआ। प्रांगण में ऋग्वेदी पं. रामचंद देव के आचार्यत्व में विविध अनुष्ठान हुए। पंचामृत स्नान के बाद प्रतिमा को सुगंधित पुष्पों सजाया गया। मोदक व ऋतुफलों का भोग लगाकर सविधि पूजन हुआ। यजमान संस्थापक रामचरण रहे। सायंकाल भजन एवं गीत प्रतियोगिता में बच्चों ने श्रोताओं का मन जीत लिया। संयोजन प्रो. प्रवेश भारद्वाज एवं प्रदीप मेहरोत्रा ने किया।

25वां वर्ष : सार्वजनिक श्रीगणेशोत्सव 

संस्कृति भारती न्यास से संचालित लोकमान्य सार्वजनिक श्रीगणेशोत्सव के रजत जयंती वर्ष पर उत्सव में रजत प्रतिमा का षोडशोपचार पूजन आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश जी ने किया। घासीटोला स्थित प्रांगण में संघ से जुड़े दीनदयाल, नितिन एवं रूबल पूजन में शामिल हुए। पूजन आचार्य विनोद झा ने करवाया। कार्यक्रम का प्रारंभ विष्णु शर्मा के डमरू वादन हुआ। साक्षी यादव ने भजन गाया तथा सारंग मिश्रा ने तबला वादन किया। कालभैरव महंत परिवार के वैभव दुबे, उपेंद्र विनायक सहस्रबुद्धे, जाह्नवी मिश्रा, गोपीचंद, मयंक दीक्षित, सुरेंद्र अग्रवाल, सिद्धांत अग्रवाल, वंशिका दीक्षित, सर्वज्ञ झा, सेठ आदि उपस्थित रहे। वैभव दीक्षित ने अभ्यागतों का सम्मान किया। सायंकाल प्रथम पूज्य का सामूहिक सहस्रार्चन हुआ। पांच दिवसीय आयोजन में विविध कार्यक्रम होंगे।

23वां वर्ष : श्री गणेशोत्सव सेवा समिति 

श्रीगणेश उत्सव सेवा समिति राधा कृष्ण मंदिर, दशाश्वमेध में सिद्धि विनायक मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पं. अनंत शास्त्री घोड़ेकर के निर्देशन में पं. उदय कंठाले ने कराई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मराठी भाषी एवं क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित रहे। सायंकाल पं. षडानन पाठक के नेतृत्व में 10 बटुकों ने गणेश अथर्वशीर्ष का सहस्र आवर्तन किया। इसके बाद दूर्वा-लावा आदि से सहस्त्रनाम अर्चन हुआ।

17वां वर्ष : श्री काशी मराठा गणेश उत्सव समिति 

मुम्बई के सुप्रसिद्ध 'लाल बाग का राजा श्रीगणेश का पांच दिवसीय जन्मोत्सव आसभैरो स्थित अग्रवाल भवन के सभागार में 19 सितंबर को प्रात: नौ बजे होगा। श्री काशी मराठा गणेश उत्सव समिति की ओर श्रीगणेश की मूर्ति की भव्य पंडाल में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। शाम पांच बजे से झांकी और जागरण का कार्यक्रम होगा। रात्रि नौ बजे महाआरती होगी। उत्सव कमेटी के पदाधिकारी मानिक राव पाटिल, संतोष पाटिल, सुहास पाटिल, सलाहकार ताना पाटिल, हणमंतराव मोरे, चन्द्रशेखर शिंदे, आनन्द सूर्यवंशी, अजीत पाटिल आदि तैयारियों में लगे हुए हैं।