बनारस की इस मशहूर मिठाई के पीएम भी हैं कायल, 15 दिनों तक नहीं होती खराब,,,।
Sweet In Varanasi: बनारस शहर खानपान के लिए मशहूर है, यहां की मिठाई को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। बनारस शहर में तैयार होने वाले रसगुल्ला, लौंगलता, जलेबी, गुलाब जामुन, छेना, राजभोग, बर्फी, लड्डू सहित अन्य मिठाईयों को खरीदने और खाने के लिए लोग दूसरे राज्यों से दौड़े चले जाते हैं।
इसी कड़ी में वाराणसी में एक ऐसी भी मिठाई है जिसका इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है। जी हां, वाराणसी के मशहूर लाल पेड़ा को आज भी लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। यहां तक कि इसका स्वाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर देश दुनिया के नामचीन हस्तियों द्वारा चखा गया है।
राजर्षि जी के बगिया से हुई शुरुआत
पिछले तीन पीढ़ियों से वाराणसी के यूपी कॉलेज के पास स्थित दुकान से देश और दुनिया को लाल पेड़े की मिठाई खिला रहे अभिषेक सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि लाल पेड़ा का इतिहास 100 वर्ष पुराना है। राजर्षि जी के द्वारा स्थापित कराए गए यूपी कॉलेज परिसर में गौशाला-डेयरी थी और तभी से इस मिठाई के बनाने का प्रचलन शुरू हुआ। इस मिठाई को खोवा से बनाया जाता है। यह मिठाई पूजा पाठ के साथ-साथ लोगों के प्रमुख आयोजन शादी समारोह में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह व्रत और फलाहार के रूप में भी लोगों द्वारा खाया जाता है।
15 दिनों तक खराब नहीं होती मिठाई
अभिषेक सिंह ने यह भी बताया कि इस मिठाई में सबसे खास बात है कि यह 15 दिनों तक रखे रहने के बावजूद भी खराब नहीं होती। स्वाद और निर्धारित मात्रा अनुसार यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह नहीं होता। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान काशी विश्वनाथ धाम में भी स्थापित प्रसाद की दुकान से भक्तों द्वारा लाल पेडा काशी विश्वनाथ जी को चढ़ाया जाता है। इस लाल पेड़े का स्वाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल सहित देश दुनिया के अलग-अलग क्षेत्र के नामचीन हस्तियों द्वारा भी चखा गया है, जिसे काफी पसंद किया गया है।