वाराणसी :: 1930 में कैंट स्टेशन पर बना फुट ओवरब्रिज हो जाएगा अतीत, जल्द ही एक नए स्वरूप को देखेंगे आप,,,।
वाराणसी :: कैंट स्टेशन पर अंग्रेजों के जमाने की निशानी पहला फुट ओवरब्रिज कुछ दिनों में अतीत हो जाएगा। एक-दो दिन में 93 वर्ष पुराने इस ओवरब्रिज को तोड़ने की शुरुआत हो जाएगी.यह कार्य प्लेटफार्म नंबर नौ की ओर से होगा। इसके लिए एफओबी और आसपास लगे बिजली व टेलीकॉम वायर, डिस्प्ले बोर्ड, एनाउंसमेंट सिस्टम आदि को शिफ्ट किया जा रहा है।
यार्ड रीमॉडलिंग कार्य पूरा होने में तीन दिन शेष हैं। प्लेटफॉर्म नम्बर नौ के पास बाईपास लाइन तैयार है लेकिन इससे मालगाड़ियों के गुजरने से फुट ओवरब्रिज के एक कॉलम के बाधक बनने की आशंका है। बताते हैं कि वर्ष 1872 में वाराणसी स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हुआ था। उस समय पांच प्लेटफॉर्म थे, रेलवे के रिकार्ड के मुताबिक 1930 में यह फुट ओवरब्रिज अंग्रेजों ने बनाया था। लिहाजा इसकी मियाद भी खत्म हो चुकी है. इसके मद्देनजर उत्तर रेलवे ने इसे तोड़ने का फैसला किया है।
स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना देश के अन्य स्टेशनों पर बने फुट ओवरब्रिजों से कैंट का यह एफओबी अलग है। रेल पटरियों सरीखे कॉलम (पिलर) पर टिका यह एफओबी स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। जबकि अन्य एफओबी के कॉलम की चौड़ाई एक से डेढ़ फीट तक होती है। यही नहीं, कॉलमों के बीच में लगाई गई लोहे की डिजाइन भी अद्वितीय है।
● 135 मीटर लम्बा है प्राचीन एफओबी।
● 09 मीटर चौड़ाई है फुट ओवरब्रिज की
बाहर जाने के लिए तीसरे एफओबी का सहारा
चरणवार तोड़ा जाएगा।
निदेशक स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने बताया कि एक-दो दिन में प्लेटफॉर्म संख्या नौ से एफओबी तोड़ने का काम शुरू होगा। इसके लिए से बैरिकेडिंग शुरू होगी। पहले यहां लगी लिफ्ट और एस्केलेटर को निकाला जाएगा। इस दौरान सेकेंड एंट्री से आवागमन बंद रहेगा, इसके बाद अगले चरणों में ब्लॉक लेकर अन्य हिस्से भी तोड़े जाएंगे।
मुख्य प्रवेश द्वार से सेकेंड एंट्री जाने के लिए तीसरा एफओबी सहारा बनेगा। अधिकारियों का कहना है कि चौथा फुट ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी मुख्यालय भेजा गया है। यह एफओबी प्लेटफॉर्म नम्बर एक स्थित पार्सल घर के आगे से सेकेंड एंट्री तक बनाने का प्रस्ताव है।