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फर्जी कंपनियां, 25 करोड़ लोन और 200 बीघा जमीन, मयूर ग्रुप ने कैसे बनाई अकूत संपत्ति?,,,।

फर्जी कंपनियां, 25 करोड़ लोन और 200 बीघा जमीन, मयूर ग्रुप ने कैसे बनाई अकूत संपत्ति?,,,।

कानपुर के बड़े उद्योगपति मयूर ग्रुप के प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने गुरुवार को बड़ी छापेमार कार्रवाई की गई। छापे की कार्रवाई न सिर्फ कानपुर बल्कि कानपुर-देहात, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर, देवास समेत 35 जगहों पर छापे मारे गए। बता दें कि मयूर ग्रुप वनस्पति तेल समेत आटा, मैदा, बिस्किट, साबुन के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थों का कारोबार करता है। कानपुर में यह छापे मयूर ग्रुप के मालिक मनोज गुप्ता, सुनील गुप्ता, रितेश गुप्ता, अर्जित गुप्ता समेत गीता गुप्ता के आवास पर मारे गए।

इतना ही नहीं आयकर विभाग ने मयूर ग्रुप की सहयोगी कंपनी सूर्य कंपनी को भी नहीं छोड़ा और उसके भी ऑफिस, फैक्ट्री और मालिक समेत करीबियों पर छापेमार कार्रवाई की गई है। मयूर ग्रुप के मालिक के घर में छापे के दौरान एक खुफिया कमरा भी मिला है जिसमें से अधिकारियों को 3 करोड़ रुपये कैश और 3 करोड़ रुपये की ज्वेलरी मिली है। कंपनी ने फर्जीवाड़ा करने के लिए उन छोटे-छोटे व्यापारियों को चुना था जिनका ITR भी दाखिल नहीं होता।

मयूर ग्रुप ने बहुत ही आसानी से 20 छोटी-छोटी कंपनियों के नाम पर 25 करोड़ रुपये का लोन लिया था। जांच में पता चला है कि कंपनी ऐसे लोगों के नाम पर खरीदी और बिक्री कर रहे थी जिनका आयकर रिटर्न भी नहीं जाता। इतने बड़े फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए आयकर विभाग ने 50 से ज्यादा अफसरों को तैनात किया था। ताकि सभी जगहों पर एक साथ कार्रवाई की जा सके।

सूत्रों की मानें तो कंपनी मालिक मनोज गुप्ता के पास 60 लाख रुपये नकद मिले हैं। उनके अलावा उनके परिवार के लोगों के पास भी करोड़ों रुपये कैश मिले हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने जब उन कैश रुपयों का हिसाबा मांगा तो वह नहीं दे सके जिसके बाद उन्होंने उस रकम को जब्त कर लिया है। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो कोलकाता की फर्जी कंपनियों के जरिए मयूर ग्रुप ने बैंक से लोन लिया और अलग-अलग चैनलों में घूमाकर औद्योगिक क्षेत्र में 200 बीघा जमीन खरीदी। फर्जी पैसे से ही फैक्ट्री बनाई गई थी। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए हैं।