Headlines
Loading...
जयंती विशेष, संपादकीय::जोश से भर देंगे लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरणादायक कोट्स, जयंती पर अपनों के साथ शेयर करें उनके महान विचार,,,।

जयंती विशेष, संपादकीय::जोश से भर देंगे लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरणादायक कोट्स, जयंती पर अपनों के साथ शेयर करें उनके महान विचार,,,।

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) को उनकी सादगी और कुशल व्यवहार के लिए याद किया जाता है। राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी के साथ 2 अक्‍टूबर को लाल बहादुर शास्‍त्री की भी जयंती मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश (इस समय) चंदौली जिले के मुगलसराय में हुआ था। बचपन में उन्हें नन्हें कहकर पुकारा जाता था। वहीं, जब शास्त्री महज 16 साल के थे, तब ही उन्होंने आजादी की जंग में शामिल होने का फैसला कर लिया था। इसके लिए उन्होंने ना केवल अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया बल्कि 17 साल की उम्र में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल भी गए।

वहीं, लाल बहादुर शास्त्री के प्रभावशाली व्यक्तित्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उनके विचारों और निडरता की कहानी विदेशों तक में भी प्रचलित हैं। ऐसे में आज उनकी जयंती के मौके पर आइए एक नजर डालते हैं उनके प्रेरक विचारों पर, जिनका पालन कर हर नागरिक को सीख लेनी चाहिए। साथ ही उनके बताए सच्‍चाई के मार्ग को अपनाना चाहिए।

पढ़ें लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रेरक विचार

1. यदि मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते। मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा, लेकिन यह मेरा निजी मामला है, राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है। 

2. राष्ट्र धर्म-निरपेक्ष, कल्याण, स्वास्थ्य, संचार, विदेशी संबंधो, मुद्रा, इत्यादि का ध्यान रखेगा लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं, वो सबका निजी मामला है।

3. देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।

4. हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।

5. हम रहें ना रहें, ये देश मजबूत रहना चाहिए और ये झंडा लहराता रहना चाहिए।

6. जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है। हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।

7. इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे पास बड़ी परियोजनाएं, बड़े उद्योग, बुनियादी उद्योग हैं, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम आम आदमी को देखें, जो समाज का सबसे कमजोर तत्व है।

8. मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और उसे मैं खुद पर अमल ना करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं।

9. देश की ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगों में एकता स्थापित करना।

10. देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह एकदम पूर्ण निष्ठा है, क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं करता की इसके बदले उसे क्या मिलता है।

11. देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान जय किसान" का सबसे पहले नारा दिया था। 

लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे और वह पूर्ण कर्त्तव्य निष्ठावान सत्य निष्ठ और बेवाक निडर वक्ता, संपूर्ण व्यक्तित्व के धनी इंसान थे। इनके जैसा प्रधानमंत्री ना तो हुआ है और ना आगे होगा। इन्होंने अपने कर्तव्य निष्ठा का परिचय देते हुए रेल मंत्री के पद पर रहते हुए एक छोटा सा एक्सीडेंट के लिए अपनी जिम्मेदारी  को समझते हुए रेल मंत्री पद को त्यागने में भी जरा सा भी कोताही नहीं बरती। यह एक पद की गरिमा, निःस्वार्थ सेवा भावना का अद्वितीय उदाहरण है। 

ऐसे प्रतिभाशाली और महान व्यक्तित्व के धनी लाल बहादुर शास्त्री जी को उनके जन्मदिन विशेष पर "केसरी न्यूज नेटवर्क" टीम बड़े गर्व से याद करता है।