Headlines
Loading...
चंद्रग्रहण के कारण वाराणसी की गंगा आरती थोड़ी देर बाद होगी, समय बदला, तीन दशक में चौथी बार टूटेगी यह परंपरा,,,।

चंद्रग्रहण के कारण वाराणसी की गंगा आरती थोड़ी देर बाद होगी, समय बदला, तीन दशक में चौथी बार टूटेगी यह परंपरा,,,।

काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा की आरती शनिवार को शाम की जगह दोपहर में होगी। पिछले तीन दशक से चली आ रही परंपरा चौथी बार टूटेगी। इसका कारण शनिवार की रात लगने वाला चंद्र ग्रहण है। दशाश्वमेध घाट पर पिछले 32 सालों से गंगा आरती हो रही है। इस आरती में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी समेत देश दुनिया की तमाम हस्तियों ने शिरकत की है। देवदीपावली समेत साल में कई बार विशेष आरतियों का भी यहां आयोजन होता है। 

32 वर्षों में चौथी बार गंगा आरती का समय बदला जा रहा है। शनिवार को चंद्र ग्रहण के कारण दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगी और 3 बजकर 30 मिनट पर संपन्न होगी।

इससे पहले 16 जुलाई 2019 में चंद्रग्रहण के कारण दोपहर में मां गंगा की आरती करानी पड़ी थी। चंद्रग्रहण के सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रखने और आरती आदि करने की मनाही होती है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार को दोपहर दो बजकर 30 मिनट से आरती प्रारम्भ होगी जो तीन बजके 30 मिनट से पहले ही संपन्न करा दी जाएगी। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है। इसे देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा की आरती का भी समय गंगा सेवा निधि द्वारा परिवर्तित करते हुए दोपहर में कराया जाएगा।

विश्वनाथ मंदिर में अपने समय पर आरती
वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर में अपने समय पर सभी आरती होगी। विश्वनाथ मंदिर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 28 औऱ 29 अक्टूबर को लगने वाले खंड चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य होगा। काशी में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 मध्य से रात्रि 1:44 पर और मोक्ष 2:23 पर होगा। ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर के परंपरा अनुसार ग्रहण काल के 2 घंटे पूर्व मंदिर का कपाट बंद होने की परंपरा रही है।

इस क्रम में 28 अक्टूबर 2023 में होने वाली समस्त आरती अपने समय पर होंगी। रात्रि श्रृंगार आरती में फल का भोग लगेगा। शयन आरती के बाद मंदिर गर्भगृह सहित सम्पूर्ण विग्रहों की सम्यक् सफाई के बाद बाबा विश्वनाथ के ऊपर एक विल्वपत्र चढ़ाकर मंदिर का कपाट बन्द होगा।

29 अक्टूबर 2023 को सुबह 2:30 से 3:00 बजे तक मोक्ष पूजा होगी। इसके बाद 3:00 बजे से 4:00 बजे मंगला आरती होगी। मंगला आरती के बाद 4:15 बजे आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।