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प्रयागराज ::मंत्री नंदी और पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता ने महानवमी पर किया कन्यापूजन, पांव पखार कर लिया आशीर्वाद,,,।

प्रयागराज ::मंत्री नंदी और पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता ने महानवमी पर किया कन्यापूजन, पांव पखार कर लिया आशीर्वाद,,,।

उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी एवं पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने सोमवार को शारदीय नवरात्रि की महानवमी पर बहादुरगंज स्थित आवास पर सपरिवार मां दुर्गा की स्तुति के साथ ही हवन-पूजन किया। मंत्री नंदी और पूर्व महापौर ने पीतल के परात में लोटे के जल से कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे। उनके पैरों में रंग लगाया। वहीं माथे पर रोल, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगाकर व चुनरी ओढ़ाकर उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आरती भी उतारी वहीं अपने हाथों से भोजन भी परोसा।

मंत्री नंदी ने कहा कि बेटियां सुख, समृद्धि और प्रगति का आधार हैं। इनकी पूजा सर्वोत्तम पूजा है। मंत्री नवरात्रि आदिशक्ति की आराधना का पर्व है, जो सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं। नवरात्रि इन्हीं जगत जननी को समर्पित है और भारतीय संस्कृति में कुमारी कन्याओं को साक्षात देवी स्वरूपा माना गया है। मंत्री ने कहा कि आज के समय में बेटियां किसी भी मायने और किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं।

हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। इसलिए आज के समय में बेटियों को सशक्त और समृद्ध बनाते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। जिसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। नंदी ने कहा कि किसी भी देश, राज्य या समाज के लिए नारी सशक्तिकरण बहुत ही आवश्यक है।

बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई के सामने टिक नहीं सकतीः नंदी

बुराई पर जीत के महापर्व दशहरा की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश सरकार के आद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने समस्त प्रदेशवासियों को विजयादशमी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

मंत्री ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम का जीवन अदर्शों की एक मिसाल है, जो समाज को निरंतर सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। मंत्री ने कहा कि प्रभु श्री राम राज-पाठ, ऐश्वर्य को त्याग कर माता-पिता के आदेश का पालन करते हुए वनवास को गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम हुए, जो इस चराचर जगत के आधार स्तम्भ हैं। नंदी ने कहा कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई के सामने टिक नहीं सकती।

प्रभु श्री राम विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहे। उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की। प्रभु श्री राम को मर्यादा पुरूषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। माता-पिता और गुरू की आज्ञा का पालन करते हुए क्यों शब्द कभी मुख पर नहीं लाए। वह एक आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श पिता और एक आदर्श राजा बने।