गोरखपुर :: CM योगी अगुवाई में ढोल- नगाड़ों के बीच निकली विजयदशमी शोभायात्रा, रास्ते में हर धर्म के लोगों ने किया अभिनंदन,,,।
गोरखपुर। मानसरोवर रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम का राजतिलक करने के लिए विजयदशमी की शाम गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत विजय शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर से धूमधाम से निकली। आस्था के रथ पर सवार होकर योगी जब श्रद्धा के पथ पर चले तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। उल्लास व उत्साह के बीच निकली शोभायात्रा का रास्ते भर अभिनंदन हुआ। अभिनंदन में हर जाति व धर्म के लोगों के शामिल होने से सामाजिक समरसता का ताना-बाना मजबूत हुआ।
ढोल व बैंड बाजे की धुन के साथ आगे बढ़ी शोभायात्रा
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम चार बजे गुरु श्रीगोरक्षनाथ का पूजन कर योगी आदित्य नाथ विजय रथ पर सवार हुए। नाथपंथ के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी, तुरही, नगाड़े, काशी से आए डमरू दल, ढोल व बैंड बाजे की धुन और हनुमान दल के बालकों के हैरतंगेज करतब के बीच शोभायात्रा आगे बढ़ी। जगह-जगह स्वागत में कलाकारों के विविध लोक नृत्य समूची भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
गोरक्षपीठाधीश्वर की एक झलक पाने को आतुर नजर आ रहे थे लोग
पूरे रास्ते दोनों किनारे पर श्रद्धा से भाव विभोर लोग गोरक्षपीठाधीश्वर की एक झलक पाने को आतुर नजर आ रहे थे। जैसे ही गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची मशीन से पुष्प वर्षा की गई। इससे आगे बढ़ने पर मुस्लिम और बुनकर समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैफुलवरा ने गोरक्षपीठाधीश्वर को फूल माला तथा केसरिया अंगवस्त्र देकर उनका अभिनंदन किया।
पूरी गर्मजोशी से लोगों ने किया शोभायात्रा का अभिनंदन
गोरक्षपीठाधीश्वर ने उनके समाज के लोगों को गोरखनाथ मंदिर के नवरात्र अनुष्ठान का प्रसाद दिया। शोभायात्रा आगे बढ़ी तो सिंधी समाज के साथ ही सर्वसमाज के लोगों ने उसका पूरी गर्मजोशी से अभिनंदन किया। पीठाधीश्वर योगी ने उन्हें आशीर्वाद दिया, मंगलमय जीवन की कामना की। मानसरोवर मंदिर पहुंचने तक पूरे रास्ते शोभायात्रा और स्वागत का सिलसिला चलता रहा।
मंदिर में पहुंचकर योगी ने देवाधिदेव महादेव सहित वहां मौजूद सभी देव विग्रहों की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना की। महादेव का अभिषेक भी किया। पूजा-अर्चना के बाद शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान में पहुंची। जहां योगी ने रामलीला के मंच पर भगवान श्रीराम का राजतिलक किया। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी। मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर वापस लौटी।
योगी ने किया गुरु गोरखनाथ का विशिष्ट पूजन
गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को उत्सव के रूप में मनाने का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया। गोरक्षपीठाधीश्वर के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष परिधान में नाथ पीठ की परंपरा का अनुसरण करते हुए विधि विधान से श्रीनाथ जी की पूजा-आराधना की। उसके बाद मंदिर में प्रतिष्ठित सभी देव विग्रहों का विशिष्ट पूजन किया।
इस दौरान नाथपंथ के परंपरागत विशेष वाद्य यंत्र नागफनी, शंख, ढोल, घंट, डमरू की गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्ति भाव में तरंगित रहा। इसी क्रम में वह मंदिर की गोशाला भी गए, जहां उन्होंने गोमाता के माथे पर तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद लिया और गोमाता को पूड़ी और गुड़ खिलाकर उनकी सेवा की। गोरक्षपीठाधीश्वर ने भीम सरोवर का पूजन कर इसमें रहने वाली मछलियों को चारा (लाई) भी खिलाया।
तिलकोत्सव में संतों व श्रद्धालुओं ने लिया गोरक्षपीठाधीश्वर का आशीर्वाद
मंगलवार की दोपहर गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर साधु-संतों, ने गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाकर प्रणाम किया। पीठाधीश्वर ने भी उन्हें तिलक लगाया और आशीर्वाद प्रदान किया। इसी क्रम में गृहस्थ श्रद्धालुओं ने भी गोरक्षपीठाधीश्वर को प्रणाम कर उनसे आशीष प्राप्त किया। तिलकोत्सव में गोरक्षपीठाधीश्वर से आशीर्वाद लेने वालों में सांसद, विधायक, शहर के गण्यमान्य लोग भी शामिल रहे।
सहभोज में बही समरसता की बयार
विजयदशमी के दिन देर शाम गोरखनाथ मंदिर में सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें हर जाति, धर्म व वर्ग के हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। सांसद, विधायक सहित शहर के गण्यमान्य लोग भी प्रसाद ग्रहण करने वालों में शामिल रहे।