यूपी,,आपके पास भी है यह वाहन तो जल्दी लगवा लें HSRP नंबर प्लेट, नहीं तो होगी एफआईआर, परिवहन मंत्री का आदेश,,,।
यूपी के परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) के बिना सड़कों पर चल रहे वाहनों को लेकर सख्ती का आदेश दिया है। मंत्री के निर्देश पर परिवहन आयुक्त ने सभी एआरटीओ और पीटीओ के लिए हर माह वाहनों के चालान का टार्गेट भी तय कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि बिना एचएसआरपी नंबर प्लेट वाले माल वाहनों का चालान किया जाए। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि बिना एचएसआरपी, गलत नंबर प्लेट या धूंधला नंबर प्लेट लगाकर चलने वाले वाहनों से राजस्व की हानि हो रही है। लगातार चेकिंग अभियान के बावजूद प्रदेश में एचएसआरपी वाले माल वाहनों की संख्या मात्र 22.5 प्रतिशत है। यह स्थिति चिन्ताजनक है। परिवहन आयुक्त ने सभी एआरटीओ (प्रवर्तन) व पीटीओ को प्रतिमाह क्रमशः 600 व 400 माल वाहनों का चालान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
ऐसे वाहन जो बिना एचएसआरपी चलाते हुए पकड़े जाएंगे उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। परिवहन आयुक्त ने बताया कि वाहनों में एचएसआरपी लगाए जाने की अंतिम तिथि 15 फरवरी 2023 तक थी। इस तिथि को बीते छह माह से अधिक हो चुके हैं। इसके बावजूद अधिक संख्या में वाहन बिना एचएसआरपी के चलने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। अधिकारियों का दावा है कि इन नंबर प्लेटों के कारण वाहन चोरी की घटनाओं में लगाम लगी है।
क्यों जरूरी है एचएसआरपी नंबर प्लेट
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के आगे और पीछे लगाई जाती है। एचएसआरपी के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। इसके निचले बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर-ब्रांडेड 10-अंक का स्थायी पहचान संख्या (पिन) दिया जाता है।
इसके अलावा, पंजीकरण संख्या के अंकों और अक्षरों पर एक हॉट-स्टैंप फिल्म लगाई जाती है और उसके साथ नीले रंग में 'IND' लिखा होता है। खास बात ये है कि एचएसआरपी वाहन के डिजिटल पंजीकरण के बाद ही जारी किया जाता है और ये वाहन से जुड़ा होता है। इस प्रकार, प्लेटों का उपयोग एक अलग कार पर नहीं किया जा सकता है और उन्हें चोरी और इन प्लेटों के किसी अन्य प्रकार के दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है।
अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था और उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता था। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई। अक्सर देखने को मिलता था कि चोरी करने के बाद चोर लगाए गए पंजीकरण नंबरों को बदल देते थे। इससे अधिकारियों के लिए वाहन को ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाता था।
एचएसआरपी नंबर प्लेट आने के बाद कार की चोरी के मामले कम हुए हैं क्योंकि ये केवल एक बार ही प्रयोग की जा सकती हैं और वाहन में लगने के बाद खुलती नहीं हैं, बल्कि इनके हिंज को काटना पड़ता है। HSRP के आ जाने से ट्रैफिक पुलिस का भी काम काफी आसान हो गया है। इस नंबर प्लेट के आने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को पकड़ना और उनका चालान करना काफी आसान हो गया है।