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Shardiya Navratri 2023: उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित शारदा नदी किनारे करें इस शक्तिपीठ के अनुपम दर्शन,,,।

Shardiya Navratri 2023: उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित शारदा नदी किनारे करें इस शक्तिपीठ के अनुपम दर्शन,,,।

पीलीभीत. इन दिनों शारदीय नवरात्र चल रहे हैं। ऐसे के हर कोई ही शक्ति स्वरूपों के दर्शन की चाह में है। लोग अपनी सामर्थ्य और समय के अनुसार मंदिरों में भी जाने के प्लान बना रहे हैं। अगर आप भी इस शारदीय नवरात्र में शक्तिपीठ के दर्शन लाभ लेने का बना रहे हैं तो पीलीभीत से 62 किलोमीटर दूर स्थित मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ सबसे मुफीद है। पीलीभीत पहुंच कर आप आसानी से इस मंदिर पहुंच सकते हैं।

मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ उत्तराखंड के चम्पावत जिले की टनकपुर तहसील में स्थिति है। यह मंदिर शारदा नदी के किनारे शिवालिक पहाड़ियों की एक चोटी पर स्थित है। वहीं समुद्र तल से मन्दिर की ऊंचाई 3000 फुट पर है। यहां पहुंचने के लिए आपको पीलीभीत से होकर गुज़रना पड़ेगा। यही कारण है कि पीलीभीत को मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ का गेटवे कहा जाता है।

अगर आप भी इस शक्तिपीठ के दर्शन का लाभ लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको इसके लिए सबसे पहले पीलीभीत पहुँचना होगा। पीलीभीत दिल्ली से 308 किलोमीटर वहीं लखनऊ से 262 किलोमीटर की दूरी पर है। पीलीभीत से आपको सुबह से देर रात तक रेल और सड़क मार्ग पर तमाम साधन उपलब्ध मिलेंगे।

पूर्णागिरी शक्तिपीठ पहुंचने का साधन

मां पूर्णागिरी देवी मंदिर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है. यहां के लिए पीलीभीत जंक्शन से तमाम ट्रेन विकल्प मौजूद हैं। यदि आप इस रेल यात्रा का रिजर्वेशन कराना चाहते हैं तो इसके लिए 3 ट्रेनों के विकल्प मौजूद हैं। 

वहीं सामान्य ट्रेनों में पहली सुबह 07:20 बजे वहीं आखिरी ट्रेन रात 09:47 बजे पीलीभीत से छूटती है। वहीं अगर सड़क मार्ग की बात की जाए तो पीलीभीत से हर आधे घंटे के अंतराल में टनकपुर के लिए बस सुविधा उपलब्ध है। टनकपुर से पूर्णागिरी शक्तिपीठ तक पहुंचने के लिए आपको जीप उपलब्ध मिलेगी।