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देवउठनी एकादशी व्रत आज, अवश्य करें भगवान विष्णु के इन 108 नामों का जाप, जगदीश्वर होंगे प्रसन्न, यहां जाने मंत्र जाप,,,।

देवउठनी एकादशी व्रत आज, अवश्य करें भगवान विष्णु के इन 108 नामों का जाप, जगदीश्वर होंगे प्रसन्न, यहां जाने मंत्र जाप,,,।

Dev Uthani Ekadashi 2023 Mantra: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज 23 नवंबर 2023, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को समर्पित देवउठनी एकादशी व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सभी पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है, ऐसा इसलिए क्योंकि कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु चार मास के योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि के संचालन का पदभार अपने हाथों में ले लेते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन पूजा-पाठ करने से और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और सभी दुःख दूर कर देते हैं।
    भगवान श्री आदि केशव मंदिर वाराणसी

भगवान श्रीविष्णु के 108 नाम मंत्र ,,,,,,,

ॐ वृषाकपये नमः । ॐ अमेयात्मने नमः ।

ॐ सर्वयोगविनिःसृताय नमः । ॐ वसवे नमः । ॐ वसुमनसे नमः । ॐ सत्याय नमः ।

ॐ समात्मने नमः । ॐ सम्मिताय नमः । ॐ समाय नमः । ॐ अमोघाय नमः ।

ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः । ॐ वृषकर्मणे नमः । ॐ वृषाकृतये नमः । ॐ रुद्राय नमः ।

ॐ बहुशिरसे नमः । ॐ बभ्रवे नमः । ॐ विश्वयोनये नमः । ॐ शुचिश्रवसे नमः ।

ॐ अमृताय नमः । ॐ शाश्वतस्थाणवे नमः । ॐ वरारोहाय नमः । ॐ महातपसे नमः ।

ॐ सर्वगाय नमः । ॐ सर्वविद्भानवे नमः । ॐ विष्वक्सेनाय नमः । ॐ जनार्दनाय नमः ।

ॐ वेदाय नमः । ॐ वेदविदे नमः । ॐ अव्यङ्गाय नमः । ॐ वेदाङ्गाय नमः ।

और अपनी मनपसंद अपडेट पाएं ॐ वेदविदे नमः । ॐ कवये नमः । ॐ लोकाध्यक्षाय नमः । ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।

ॐ धर्माध्यक्षाय नमः । ॐ कृताकृताय नमः । ॐ चतुरात्मने नमः । ॐ चतुर्व्यूहाय नमः ।

ॐ चतुर्द्रम्ष्ट्राय नमः । ॐ चतुर्भुजाय नमः । ॐ भ्राजिष्णवे नमः । ॐ भोजनाय नमः ।

ॐ भोक्त्रे नमः । ॐ सहिष्णवे नमः । ॐ जगदादिजाय नमः । ॐ अनघाय नमः ।

ॐ विजयाय नमः । ॐ जेत्रे नमः । ॐ विश्वयोनये नमः । ॐ पुनर्वसवे नमः ।

ॐ उपेन्द्राय नमः । ॐ वामनाय नमः । ॐ प्रांशवे नमः । ॐ अमोघाय नमः ।

ॐ शुचये नमः । ॐ उर्जिताय नमः । ॐ अतीन्द्राय नमः । ॐ सङ्ग्रहाय नमः ।

ॐ सर्गाय नमः । ॐ धृतात्मने नमः । ॐ नियमाय नमः । ॐ यमाय नमः ।

ॐ वेद्याय नमः । ॐ वैद्याय नमः । ॐ सदायोगिने नमः । ॐ वीरघ्ने नमः ।

ॐ माधवाय नमः । ॐ मधवे नमः । ॐ अतीन्द्रियाय नमः । ॐ महामायाय नमः ।

ॐ महोत्साहाय नमः । ॐ महाबलाय नमः । ॐ महाबुद्धये नमः । ॐ महावीर्याय नमः ।

ॐ महाशक्तये नमः । ॐ महाद्युतये नमः । ॐ अनिर्देश्यवपुषे नमः । ॐ श्रीमते नमः ।

ॐ अमेयात्मने नमः । ॐ महाद्रिधृते नमः । ॐ महेश्वासाय नमः । ॐ महीभर्त्रे नमः ।

ॐ श्रीनिवासाय नमः । ॐ सताङ्गतये नमः । ॐ अनिरुद्धाय नमः । ॐ सुरानन्दाय नमः ।

ॐ गोविन्दाय नमः । ॐ गोविदाम्पतये नमः । ॐ मरीचये नमः । ॐ दमनाय नमः ।

ॐ हंसाय नमः । ॐ सुपर्णाय नमः । ॐ भुजगोत्तमाय नमः । ॐ हिरण्यनाभाय नमः ।ॐ सुतपसे नमः । ॐ पद्मनाभाय नमः । ॐ प्रजापतये नमः । ॐ अमृत्यवे नमः ।

ॐ सर्वदृशे नमः । ॐ सिंहाय नमः । ॐ सन्धात्रे नमः । ॐ सन्धिमते नमः ।

ॐ स्थिराय नमः । ॐ अजाय नमः । ॐ दुर्मर्षणाय नमः । ॐ शास्त्रे नमः ।
ॐ विश्रुतात्मने नमः । ॐ सुरारिघ्ने नमः।।
यहां भगवान विष्णु के 108 नाम मंत्र पूर्ण होते हैं इनका जाप करने से मनुष्य के दुर्दिन, संकट दूर हो जाते हैं और वह मनुष्य नाना प्रकार के सुखों को भोंगते हुए नारायण लोक में वास करता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।"केसरी न्यूज नेटवर्क" इसकी पुष्टि नहीं करता। इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।
लेख, लेखन : शुभम् गुप्ता