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27 एकड़ में फैला है दुबई का पहला हिंदू मंदिर, कारीगरी में दिखती है रामायण, महाभारत और हिंदू धर्मग्रंथों की झलक,,,।

27 एकड़ में फैला है दुबई का पहला हिंदू मंदिर, कारीगरी में दिखती है रामायण, महाभारत और हिंदू धर्मग्रंथों की झलक,,,।

नई दिल्ली। Hindu Temple In Abu Dhabi: दुबई में रह रहे भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खुशी की खबर है। अबू धाबी में तैयार हो रहा पहला विशाल हिंदू मंदिर के उद्घाटन को केवल 100 दिन बचे है। संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में तैयार हो रहा प्रतिष्ठित BAPS हिंदू मंदिर का निर्माण दिसंबर, 2020 में शुरू हुआ था। तीन साल बाद अब इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है।

14 फरवरी को होगा भव्य तरीके से उद्घाटन

दुबई अखबार खलीज टाइम्स के मुताबिक, हिंदू मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी, 2024 को काफी भव्य तरीके से किया जाएगा। हाल ही में, मंदिर का निर्माण करने वाली संस्था बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वैश्विक संयोजक सद्गुरु पूज्य ईश्वरचरण स्वामी ने मंदिर के शिखर पर फूलों की बारिश करने का समारोह किया था।

इसकी कई तस्वीरें भी सामने आई है, जो काफी मनमोहक है। बीएपीएस हिंदू मंदिर के प्रमुख पूज्य ब्रह्मविहरिदास स्वामी के साथ ईश्वरचरण स्वामी ने मंदिर के सात शिखरों को फूलों से आशीर्वाद देने की रस्म निभाने के लिए एक क्रेन-उठाए गए बॉक्स की मदद ली थी। यह अवसर काफी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि यह विश्वव्यापी एकता, शांति और समावेशिता के प्रतीक को दर्शाता है।'ऊपर से यह मंदिर अविश्वसनीय और शानदार दिखता है'।
मंदिर के उद्घाटन को लेकर कारीगरों, स्वयंसेवकों, भक्तों और ईश्वरचरण स्वामी सभी ने गर्व और खुशी की गहरी भावना साझा की। मंदिर के हवाई सर्वेक्षण के बाद ईश्वरचरण स्वामी ने कहा, 'ऊपर से यह मंदिर अविश्वसनीय और शानदार दिखता है।'

ईश्वरचरण स्वामी के साथ आए ब्रह्मविहारीदास स्वामी ने मंदिर के निर्माण के बारे में भी बताया। बता दें कि ये मंदिर दुबई-अबू धाबी राजमार्ग से दूर अबू मुरीखा में 27 एकड़ भूमि पर गुलाबी बलुआ पत्थरों और सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है। पूरा परिसर, पार्किंग सभी आश्चर्यजनक लगते हैं। संपूर्ण दृश्य भव्य है। मंदिर की कारीगरी पर भारतीय पौराणिक महाकाव्यों रामायण, महाभारत और हिंदू धर्मग्रंथों की अन्य कथाओं के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाया गया है।
 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी किया मंदिर का दौरा

खलीज टाइम्स के अनुसार, ईश्वरचरण स्वामी ने चल रहे काम की समीक्षा की और कारीगरों के साथ बातचीत करते हुए साइट का दौरा किया। उन्होंने हाथ से बने इस मंदिर को साकार करने में शामिल सभी लोगों की निस्वार्थ सेवा की प्रशंसा की। इस बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, संयुक्त अरब अमीरात की अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान पिछले सप्ताह मंदिर में थे।

इस मंदिर को 'वैश्विक सद्भाव के रूप में जाना जाता है, जिसके 1,000 से अधिक वर्षों तक बने रहने की उम्मीद है। इसे 14 फरवरी को 'हारमनी फेस्टिवल' के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। उद्घाटन समारोह और पंजीकरण के संबंध में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए फेस्टिवल ऑफ हार्मनी ऐप डाउनलोड करके या वेबसाइट से पता कर सकते है।

2019 में रखी गई थी मंदिर की नींव

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण इस मंदिर का निर्माण कार्य बंद हो गया था। गौरतलब है कि इस मंदिर की नींव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। 2015 में जब पीएम मोदी अबू धाबी आए थे, तो उस समय मंदिर को जमीन देने का वादा किया गया था। इस मंदिर के निर्माण के कारण से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा व द्विक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे।