मोहम्मद शमी बोलिंग :: 'गीली गेंदों से 4 घंटे गेंदबाजी', मोहम्मद शमी कैसे बने वनडे के घातक गेंदबाज, शमी के कोच ने खोले राज,,,।
Mohammed Shami Bowling: वर्ल्ड कप के अपने 23 विकेट में से मोहम्मद शमी ने 18 विकेट लाइट्स में लिए हैं। उनकी सीधी सीम पोजिशन इस टूर्नामेंट में चर्चा का विषय रही है, लेकिन शाम को गेंद को दोनों ओर घुमाने की उनकी क्षमता ने ही इस 33 वर्षीय गेंदबाज को घातक बना दिया है। एक समय शमी को केवल टेस्ट गेंदबाज माना जाता था, जो सीमित ओवरों में रन लुटाता है। लेकिन उनके एक घातक गेंदबाज बनने की कहानी उनके क्रिकेट करियर के शुरुआती दिनों में ही छिपी है। शमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के शासापुर से आते हैं।
शमी के कोच ने खोला राज, बताया कैसे बने सीमित ओवरों के घातक गेंदबाज
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने खुलासा किया है कि कैसे शमी हमेशा से एक बहादुर गेंदबाज रहे हैं और उन्होंने एक उनको क्रॉस सीम से गेंदबाजी करने की भी सलाह दी थी। लेकिन कम बोलने वाले शमी को भी इस सलाह पर गुस्सा आ गया था।
बदरुद्दीन हंसते हुए कहते हैं, "उन्होंने मुझे घूरा और मुझसे कहा, ये क्रॉस सीम डरपोक डालते हैं। मेरी ताकत सीम है और मैं उससे समझौता नहीं करूंगा।"
शमी के कोच ने कहा, "वह कभी भी क्रॉस-सीम का उपयोग नहीं करते हैं। यहां तक कि अगर उनकी गेंदों की पिटाई भी होती है, तब भी वह अपनी सीम पोजीशन से समझौता नहीं करते हैं।"
बदरुद्दीन का कहना है कि 2020 में लॉकडाउन के दौरान शमी ने अपनी सफेद गेंद से गेंदबाजी पर काम करना शुरू किया।
उन्होंने कहा, "हर सुबह, वह छह सफेद गेंदों को पानी से भरी बाल्टी में रखते थे। उस दौरान उन्होंने अपने फार्महाउस पर फ्लडलाइट वाली क्रिकेट पिच तैयार की थी। वह रात में लगातार तीन से चार घंटे तक उन गीली गेंदों से गेंदबाजी करते थे।"
सफेद गेंद में महारत हासिल करने में शमी को तीन साल लग गए।पंजाब किंग्स के पूर्व कोच ने खोले शमी की गेंदबाजी को लेकर राज
आईपीएल में पंजाब किंग्स में गेंदबाजी कोच के रूप में कुछ सीजन बिताने वाले डेमियन राइट शमी के मेथेड की व्याख्या करते हुए उनकी तुलना ब्रेट ली और मिशेल जॉनसन जैसे गेंदबाजों से करते हैं, जो एक स्पैल में खेल को बदल सकते हैं।
वर्तमान में तस्मानिया विश्वविद्यालय में गेंदबाजी कोच के रूप में काम करने वाले डेमियन राइट ने कहा, "वह जिस तरह से चीजों को करते थे और खासकर नेट्स पर गेंदबाजी करते थे, उससे मैं चकित था। वह गेंद को रिलीज करने के तरीके में असली परफेक्शनिस्ट हैं। उसके पास शानदार कौशल है, लेकिन उस पागलपन के पीछे एक तरीका है। सीम पर अपनी उंगलियों का उपयोग करते हुए वह गेंद में कई क्रांतिकारी बदलाव कर देते। उन्हें अपना जादू करते देखना अद्भुत था।"
राइट ने कहा, "पंजाब किंग्स में, वह हमारे प्रमुख विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उस समय, वह भारतीय सफेद गेंद टीम में जगह बनाने के लिए बेताब थे। टेस्ट क्रिकेट में वह हमेशा देखने में एक खूबसूरत गेंदबाज थे लेकिन सफेद गेंद से उन्होंने काफी सुधार किया है। वह नई गेंद से हमेशा एक शानदार गेंदबाज थे, लेकिन जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, वह है बीच के ओवरों और डेथ ओवरों में उनकी गेंदबाजी।"
राइट का कहना है कि शमी उन गेंदबाजों में से एक हैं जिनकी गेंदें सतह पर टकराने के बाद काफी स्किड होती हैं। वह कहते हैं, "आप लखनऊ में बेन स्टोक्स के विकेट को देखिए। उस गेंद ने पिच के बाहर स्पीड उत्पन्न की, जो स्पीडोमीटर हमें बताता है उससे भी अधिक। उनकी सीम हमेशा अच्छी स्थिति में होती है, और जब गेंद सीम के साथ डेक से टकराती है, जो गेंद का सबसे कठिन हिस्सा है, तो यह गति और उछाल उत्पन्न करती है। शमी की गेंद हाथ से छूटते ही और बल्लेबाज तक पहुंचते-पहुंचते तेज हो जाती है।"
उन्होंने कहा, "वह एक लय गेंदबाज भी हैं। उनके पास एक बेहतरीन एक्शन है। उनके पास एक अच्छा रन-अप भी है। हो सकता है कि वह उतना तेज ना हों, लेकिन ब्रेट ली और मिचेल जॉनसन जैसे खिलाड़ियों से काफी मिलते-जुलते हैं। शमी की तरह वे भी मैच को एक स्पैल में खत्म कर देते थे।"