मां अन्नपूर्णा के दरबार में साढ़े पांच लाख से अधिक भक्तों ने आज दोपहर तक टेका मत्था, अब तक साढे छः लाख सिक्के बांटे गए,,,।
काशी विश्वनाथ धाम में मां अन्नपूर्णा के दरबार में हुई धनवर्षा,,,,,,,,,,,
वाराणसी :: काशी विश्वनाथ धाम में शुक्रवार की दोपहर मध्याह्न भोग आरती के बाद मां अन्नपूर्णा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। धन त्रयोदशी पर दर्शनार्थी मां अन्नपूर्णा के अन्न और धन का प्रसाद लेने के लिए कतार में लग गए। मां का दर्शन कर सभी दर्शनार्थी घर परिवार और कुटुंब के मंगल की कामना की। मंदिर प्रशासन की ओर से धान का लावा और सिक्का प्रसाद स्वरूप सभी दर्शनार्थियों को वितरित किया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि अन्न और धन का प्रसाद वितरण का कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू होकर पांच दिन तक चलेगा। जो भी दर्शनार्थी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आएगा उसको प्रसाद वितरित किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। दर्शनार्थियों को परिसर में पेयजल व किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसलिए वॉलंटियर्स भी तैनात किए गए हैं। लगातार होने वाले पांच दिवसीय कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी भी लगाई गई है।
वाराणसी :: आज दिन शनिवार माता अन्नपूर्णेश्वरी का दर्शन करने का दूसरा दिन दोपहर 12.15 बजे,,,। मां अन्नपूर्णा स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की एक किलोमीटर से अधिक लंबी कतार लगी हुई है। मंदिर के कपाट खुलते ही पूरा परिसर काशीपुराधीश्वरी के जयकारे से गूंज उठा। हर हर महादेव के नारे लगने लगे, और लोग 48 घंटे से लगातार लाइन में लगकर दर्शन करते हुए और अपनी मनोकामनाओं के साथ धन और पैसे का वितरण लेते हुए अपने घर को मतदान पूर्णेश्वरी के आशीर्वाद को साथ लेकर जाते रहे और यह सिलसिला लगातार चार दिनों तक चलेगा।
भक्तजन लाइन से ही कतार में लगकर दर्शन किए, भक्तों की थकान मां के दर्शन करने भर से दूर हो गई। श्रद्धा और भक्ति का उल्लास ऐसा था कि हर कोई बस मां की स्वर्णिम आभा को मन में बसा लेने को आतुर था। शुक्रवार से पंच दिवसीय दर्शन-पूजन की शुरुआत हो गई है। और आज शनिवार माता के दर्शन और धन-धान्य प्रसाद लेने का दूसरा दिन है।
शुक्रवार को माता अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला अनवरत जारी था। 24 घंटे पहले से ही कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने सुबह गंगा स्नान कर कतारबद्ध होते गए। वहीं पीछे-पीछे कतार भी आगे बढ़ती जा रही थी। एक कतार तो गोदौलिया से आगे दशाश्वमेध की तरफ मुड़ गई तो दूसरी कतार चौक की तरफ बढ़ गई। महंत ने माता का स्वर्ण शृंगार किया और इसके बाद पहले दिन शुभ लग्न में अर्चक डाॅ. राम नारायण द्विवेदी और सत्य नारायण के आचार्यत्व में महंत शंकर पुरी ने पूजन शुरू किया। लगभग एक घंटे विधि पूर्वक पूजन के बाद मां की आरती उतारी गई। इसके बाद खजाने का पूजन हुआ। दोपहर सवा एक बजे आम भक्तों के लिए पट खोल दिए गए।
माता अन्नपूर्णा के दरबार में अस्थायी सीढ़ी से होते हुए श्रद्धालु मां की स्वर्णिम प्रतिमा के सामने पहुंचे तो एक झलक मिलते ही ऐसा लगा कि मानो सब कुछ मिल गया। भक्तों ने माता से सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। भीड़ इतनी थी कि टुकड़ों-टुकड़ों में भीड़ को छोड़ा जा रहा था। भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मी व मंदिर के वाॅलंटियर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शयन आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए। शनिवार को फिर भोर में मंगला आरती से माता के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुगण 14 नवंबर तक मां के दर्शन पूजन कर सकेंगे। और सालाना प्रसाद वितरण प्राप्त कर सकेंगे।
कहीं-कहीं दर्शनार्थियों से हुई पुलिस की हल्की झड़प
आठ दस घंटे लाइन में लगाने के बाद ढूंढी राज गणेश मंदिर के पास आने के बाद किन्ही पुलिसकर्मियों द्वारा अपने परिचय के व्यक्तियों व परिवार को अलग से दर्शन करने की सुविधा को देखते हुए मां के भक्त और श्रद्धालुओं को बड़ी मार्मिक पीड़ा महसूस हुई और कुछ श्रद्धालुओं से इस बात को लेकर हल्की झड़प भी कुछ पुलिसकर्मियों से हुई। इन्हीं दर्शनार्थियों के बीच तुषार केसरी, मुकेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, रवि प्रजापति ने "केसरी न्यूज़ नेटवर्क" प्रतिनिधि को बताया कि पुलिस वाले अपने परिचय के आदमियों को सबसे आगे लाइन में लगवा दे रहे हैं या तो अपने साथ उनको दर्शन के लिए ले जा रहे हैं। कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से ही दुर्व्यवस्थाएं होती हैं। हम लोगों ने उन पुलिसकर्मियों का नाम पढ़ना चाहा लेकिन उनकी वर्दी पर नंबर नेमप्लेट ही नहीं था।