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वाराणसी में बिगड़ी हवा की सेहत, नगर-निगम ने पांच विभागों को भेजा नोटिस; उचित कदम उठाने का दिया निर्देश,,,।

वाराणसी में बिगड़ी हवा की सेहत, नगर-निगम ने पांच विभागों को भेजा नोटिस; उचित कदम उठाने का दिया निर्देश,,,।

वाराणसी। काशी में वायु की गुणवत्ता प्रभावित करने पर नगर निगम ने पांच विभागों को नोटिस जारी किया है। इसमें लोक निर्माण विभाग, वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जलकल, सेतु निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण शामिल हैं।इनकी निगरानी में शहरी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर कई परियोजनाओं के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।

नगर निगम ने नोटिस के साथ इन विभागों को कराए जा रहे कार्यों का फोटोग्राफ भी भेजे हैं। उन्हें धूल कण की मात्रा कम करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है।

दरअसल, रोप-वे स्टेशनों को छोड़ कर जहां भी काम हो रहा है वहां धूल-कण को उड़ने से रोकने की कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। इससे उन निर्माण स्थलों को नगर निगम ने हाट-स्पाट घोषित किया है।

नगर निगम की ओर से भेजे गई पत्र में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की रिट संख्या का उल्लेख करते हुए धूल-कण को कम करने के लिए जरूरी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत इन विभागों को निर्माण स्थल को हरे रंग के पर्दे से ढकना, स्प्रिंक्लर मशीन से बार-बार पानी का छिड़काव, मैकनाइज्ड रोड स्वीपिंग, मिस्ट गन का उपयोग करना है।

ये हैं धूल के हॉट स्पॉट स्थल 

रविंद्रपुरी, बीएचयू ट्रामा सेंटर के सामने का हिस्सा, ककरमत्ता फ्लाईओवर के पास का हिस्सा, बनारस स्टेशन के पास दो स्थल, नवीन मंडी पहड़िया, लाटभैरव सरैयां, सुरभि होटल पहड़ियां के सामने का हिस्सा, सिद्धगिरी बाग सिगरा व संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के आसपास का इलाका।

श्वास रोगियों की सेहत पर असर 

जिन जगहों पर निर्माण कार्य हो रहे हैं उसके आसपास के इलाकों में रह रहे या गुजर रहे श्वाास रोगियों की सेहत पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। पीएम-10 व पीएम-2.5 के स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से रोगियों का दायरा बढ़ सकता है।

धूल-कण की मात्रा घटाने में खर्च किए 90 करोड़ 

नगर निगम ने शहर की वायु गुणवत्ता बेहतर करने के लिए दो वर्षों में 90 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके लिए मियावाकी पद्धति से पार्कों में पौधे लगाने के साथ सड़क और नाली के बीच खाली कच्ची जमीन पर इंटरलाकिंग और छिड़काव के लिए भारी मशीनों की खरीद की। इन प्रयासों के बाद यहां हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा पहले से 15 प्रतिशत घटी। औसतन पीएम-10 की मात्रा यहां करीब 110 रहती थी जो 93 पर पहुंच गई है। बेहतर सुधार के कारण ही केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यहां की नगर निगम को 70 करोड़ का इंसेंटिव दिया है।

'वायु गुणवत्ता की बेहतरी के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सामान्य अभियंत्रण विभाग रोड, निर्माण स्थल से लेकर कूड़ा स्थलों पर निगरानी रखी जा रही है। इसमें रोड़ा बन रहे विभागों को नोटिस दिया गया है।'
-अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त