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वाराणसी :: श्री राम मंदिर मुक्ति आंदोलन में मृत कार सेवकों के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में संतो ने किया महारुद्राभिषेक,,,।

वाराणसी :: श्री राम मंदिर मुक्ति आंदोलन में मृत कार सेवकों के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में संतो ने किया महारुद्राभिषेक,,,।

वाराणसी। अयोध्या में श्री राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर तैयारियां तेजी से की जा रही है। वही धर्म की नगरी काशी में श्री राम मंदिर के आंदोलन में अपनी जान नौछावर करने वाले कार सेवकों की आत्मा की शांति के लिए काशी में महारुद्राभिषेक किया गया। काशी में सांस्कृतिक संसद में शामिल होने के लिए पहुंचे देशभर के हजारों संतो ने एक साथ बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महारुद्राभिषेक कर मृत कार सेवकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया।

मोक्ष की नगरी में हुई कार सेवकों के मोक्ष के लिए रुद्राभिषेक, गंगा द्वार से पहुंचे मंदिर

संस्कृति संसद में भाग लेने पहुंचे 400 महामण्डलेश्वर समेत 1200 समेत संत सर्वप्रथम रविदास घाट में एकत्रित हुए। इसके उपरांत बजड़े द्वारा गंगा द्वार बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचे। वहां गंगा पूजन कर पूज्य शंकराचार्य जी, भारत माता एवं महारानी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा पर पूज्य संतो ने माल्यार्पण किया। रुद्राभिषेक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित अविमुक्तेश्वर महादेव मंडप में सम्पन्न हुआ। वही इसके पश्चात विश्वनाथ धाम परिसर में सभी संतो ने श्री राम मंदिर मुक्ति आंदोलन में मृत कार सेवकों के महारुद्राभिषेक किया।

अयोध्या में श्री राम मंदिर लोकार्पण के दौरान दीपोत्सव मनाने का हुआ आवाह्न

संस्कृति संसद की ओर से आयोजित 
महारुद्राभिषेक कार्यक्रम के समापन के अवसर पर हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे संतो को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म पर निरंतर प्रहार हो रहा है। हम सब सनातन धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित है। जिस तरह से लंबे समय के बाद भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर उनके जन्म स्थान पर बना और वह हमारे लिए खुशी का संदेश है । 

इसी क्रम में संतों ने आह्वान किया कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपने आसपास के मंदिरों में भजन कीर्तन का कार्यक्रम का आयोजन करें। 22 जनवरी की शाम को सभी भक्तगण देशभर में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के हर्ष में अपने घरों पर दीपक जलाकर दीपोत्सव मनायें।