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यूपी : अयोध्या जेल में बंद जालसाज अनूप चौधरी को लाया जाएगा वाराणसी, इस मामले में होगी पेशी,,,।

यूपी : अयोध्या जेल में बंद जालसाज अनूप चौधरी को लाया जाएगा वाराणसी, इस मामले में होगी पेशी,,,।

अयोध्या की जेल में कैद महाठग अनूप कुमार चौधरी को आगामी दो सप्ताह के अंदर कमिश्नरेट की पुलिस वाराणसी की अदालत में पेश करेगी। अनूप की रिमांड के लिए पुलिस के अनुरोध पर अदालत ने वारंट बी जारी कर दिया है। कैंट थाने की पुलिस ने वारंट बी तामील कराने के लिए अयोध्या की जेल और अदालत में भेज दिया है। कमिश्नरेट की वीआईपी सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर राघव प्रसाद की तहरीर के आधार पर कैंट थाने में शनिवार को अयोध्या के पिलखांवा, रौनाही निवासी अनूप चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

इस मामले में होगी पेशी

आरोप है कि अनूप ने खुद को केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय एवं भारतीय खाद्य निगम, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय का सदस्य बताया था। साथ ही कूटरचित पत्र भेजकर अनधिकृत रूप से जनवरी से अक्तूबर तक आठ बार प्रोटोकॉल लिया था। बीते दिनों अनूप चौधरी को यूपी एसटीएफ ने अयोध्या से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ लखनऊ, बरेली, शामली, अमरोहा और गाजियाबाद के अलावा उत्तराखंड और राजस्थान में भी मुकदमे दर्ज हैं।

रेलवे की क्षेत्रीय परामर्शदात्री समितियां हुई भंग

वहीं उत्तर रेलवे का जोनल सदस्य बनकर ठगी के मामले में अनूप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद उत्तर रेलवे की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समितियों (जेडआरयूसीसी) को भंग कर दिया गया है। वहीं, अन्य जोन और मंडल में भी इसकी तैयारी चल रही है। समिति में शामिल लोगों का नए सिरे से सत्यापन किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति गोरखपुर भी समय पूरा होने से पहले ही भंग हो गई है। अयोध्या के पिलखुआ निवासी अनूप चौधरी पर पूर्व में मुकदमे दर्ज थे।

इसके बावजूद उत्तर रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों ने सत्यापन नहीं कराया और क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति का सदस्य मनोनीत कर दिया। धोखाधड़ी, गबन समेत अन्य आरोपों में अनूप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद समिति भंग कर दी गई। इस घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी जोन और मंडल स्तर पर सदस्यों का नए सिरे से सत्यापन कराने का आदेश दिया है। जांच में पाया गया कि गोरखपुर का रहने वाला एक युवक गलत तरीके से सदस्य बन गया था। इसके बाद समिति भंग करनी पड़ी। इसी वर्ष मई में समिति गठित हुई थी। उत्तर रेलवे के नामित सदस्य शिशिर सिंह ने बताया कि समिति भंग कर दी गई।