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Chhath Puja 2023 Live Updates: छठ पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा, यहां जानें खरना पूजा महत्व और विधि,,,।

Chhath Puja 2023 Live Updates: छठ पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा, यहां जानें खरना पूजा महत्व और विधि,,,।

Chhath Puja 2023 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Muhurat in Hindi Live Updates नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व शुरू हो गया है। इस पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देवता की अराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार छठी मैया सूर्य देव की बहन है। जिस वजह से इस पर्व में सूर्य की अराधना करने से छठी मैया भी प्रसन्न हो जाती हैं। जिससे छठ महापर्व मनाने वाले व्यक्ति और उसके परिवार में सदैव खुशियां बनी रहती हैं। कहते हैं छठ व्रत रखने से व्यक्ति समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस साल छठ पूजा 17 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगी। ये पर्व पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है। 

Chhath Puja 2023 Calendar (छठ पूजा का कैलेंडर 2023)

17 नवंबर 2023- छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय 
18 नवंबर 2023- छठ पूजा कादूसरा दिनखरना
19 नवंबर 2023- छठ पूजा कातीसरा दिनसंध्या अर्घ्य
20 नवंबर 2023- छठ पूजा काचौथा दिनउषा अर्घ्य

Chhath Puja Samagri (छठ पूजा सामग्री)

नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, पानी वाला नारियल, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, अदरक का हरा पौधा, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, नाशपाती, दूध, जल, गिलास, लोटा, थाली, पत्ते लगे गन्ने,कुमकुम, चंदन, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, बांस या फिर पीतल के सूप,गुड़, शकरकंदी, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, चावल का आटा, गेहूं।

Chhath Puja Kyu Manai Jati Hai (छठ पूजा क्यों मनाई जाती है)

छठ पूजा करने का सबका अपना-अपना अलग-अलग कारण होता है। मुख्य रूप से छठ पूजा घर परिवार में खुशी, संपन्नता के लिए की जाती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की पूजा करता है उसकी सेहत अच्छी बनी रहती है। इसके अलावा घर में हमेशा धन का भंडार हमेशा भरा रहता है। इसके साथ ही छठ माई संतान सुख प्रदान करने वाली भी मानी गई है। जिस दंपत्ति को सूर्य जैसी श्रेष्ठ संतान की चाह होती है वह भी इस दिन का उपवास अवश्य रखते हैं। कुल मिलाकर छठ पूजा का यह पर्व मनोकामना की पूर्ति के लिए जाना जाता है। कहते हैं छठ पूजा के पहले अर्घ्य से आंखों की रोशनी बढ़ती है साथ ही लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है और आर्थिक संपन्नता भी प्राप्त होती है, वहीं छठ के अंतिम अर्घ्य से संतान से जुड़ी सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं, हृदय और हड्डियों की समस्या में सुधार होता है।