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नया साल, नया धमाल. क्या है न्यूयॉर्क में रात 12 बजे होने वाला 'हैप्पी न्यू ईयर बाॅल ड्राप', जिस पर  है दुनिया की नजर,,,।

नया साल, नया धमाल. क्या है न्यूयॉर्क में रात 12 बजे होने वाला 'हैप्पी न्यू ईयर बाॅल ड्राप', जिस पर है दुनिया की नजर,,,।

साल 2024 के आने में अब बस कुछ ही घंटे ही रह गए हैं. दूसरी तरफ साल 2023 को अलविदा करने की तैयारी शुरू हो गई है. हर जगह नए साल के स्वागत करने का तरीका अलग-अलग होता है. लेकिन कुछ जगहों का नए साल का सेलिब्रेशन ऐसे इवेंट से होता है, जिस पर दुनियाभर की नजरें रहती हैं.ऐसी ही एक जगह है न्यूयॉर्क शहर का टाइम्स स्क्वायर. यहां 31 दिसम्बर की रात का नजारा ही कुछ अलग होता है. यहीं होता है बॉल ड्रॉप इवेंट. इस साल इसे और भव्य मनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं।

इस दिन लाखों लोगों की आंखें टाइम्स स्क्वायर के आसमान में चमकती गेंद पर होती हैं. चलिए जानते हैं कि न्यूयॉर्क शहर की न्यू ईयर ईव बाॅल इतनी मशहूर क्यों है कि लोग इसे देखने के लिए यहां पहुंचते हैं और जो नहीं पहुंच पाते वो लाइव नजारा देखते हैं?

न्यूयॉर्क शहर की न्यू ईयर बाॅल

31 दिसंबर को टाइम्स स्क्वायर की वन टाइम्स स्क्वायर बिल्डिंग पर रात के ठीक 12 बजे एक चमकती हुई गेंद बिल्डिंग के फ्लैगपोल से नीचे उतरते हुए नए साल की शुरूआत का प्रतीक बनती है. न्यू ईयर ईव बाॅल को आम लोग Waterford Crystal के नाम से जानते हैं. हर साल, सैकड़ों हजारों लोग टॉवर के आसपास इकट्ठा होते हैं और प्रसिद्ध बॉल-लोअरिंग समारोह के लिए न्यूयॉर्क की ठंड में घंटों तक इंतजार करते हैं. बॉल को नीचे करना दुनियाभर में नए साल का प्रतीकात्मक स्वागत बन गया है. इस बाॅल समारोह का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है।

टाइम्स स्क्वायर की वेबसाइट के अनुसार, टाइम्स स्क्वायर में न्यू ईयर का जश्न 1904 से मनाया जा रहा है. उस समय पूरे दिन सड़क पर उत्सव चलता. जिसका समापन आतिशबाजी के प्रदर्शन के साथ होता था. लेकिन दो साल बाद, शहर में आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके चलते 1907 में पहली बार नए साल के स्वागत में बाॅल ड्राप का ट्रेडिशन शुरू हुआ. आधी रात को वन टाइम्स स्क्वायर टावर के फ्लैगपोल से 700 पाउंड वजनी लोहे और लकड़ी की एक बड़ी रोशनी वाली गेंद को नीचे उतारा गया. यह 25-वाट वाली 100 लाइट बल्ब से चमक रही थी।

1907 से शुरू हुई ये परंपरा आज भी बरकरार है. 1942 और 1943 के अपवाद को छोड़कर हर साल बाॅल ड्राप परंपरा को निभाया जाता रहा है. 1942 और 1943 में युद्ध के कारण समारोह को निलंबित कर दिया गया था. फिर भी, भीड़ उन वर्षों में टाइम्स स्क्वायर में इकट्ठा होती थी और एक मिनट का मौन रखकर नए साल का स्वागत करती।

वीडियो में देखें, कुछ ऐसा दिखता है बॉल ड्रॉप का नजारा 
जब गेंद को मिला सेब का आकार

अपने इतने लंबे इतिहास में गेंद के वजन से लेकर लाइट के पैटर्न तक में बदलाव आते रहें. साल 1981 से 1988 तक लाल बत्ती के बल्ब और हरे तने को जोड़कर गेंद को सेब के आकार में बदल दिया गया था. यह 'आई लव न्यूयॉर्क' मार्केटिंग अभियान के तहत किया गया था. साल 2007 में, टाइम्स स्क्वायर बॉल ड्रॉप परंपरा की 100वीं वर्षगांठ के लिए, एक शानदार नई एलईडी क्रिस्टल बॉल तैयार की गई. लाइटिंग की नई टेक्नोलॉजी से बॉल की चमक और रंगों में बढ़ोतरी हुई थी।

2024 की तैयारी कैसी है?

इस साल के बॉल ड्रॉप के डिजाइन को तैयार कर लिया गया है. 31 दिसंबर की रात को घड़ी में 12 बजने पर, बॉल की लाइट बंद हो जाएगी और बड़े-बड़े आकार में साल 2024 के अंक लिखे नजर आएंगे. नए साल का हर एक अंक 7 फीट ऊंचा होगा. चार अंकों में कुल 9-वाट की 588 एलईडी बल्ब लगी होंगी. अंक '2' में सबसे ज्यादा 145 बल्ब होंगे. चार अंकों का कुल वजन लगभग 1,160 पाउंड है. 380 पाउंड का '0' अंक बाकी की तुलना में सबसे भारी होगा।

बॉल ड्रॉप की परंपरा न्यूयॉर्क शहर के न्यू ईयर से बहुत पहले से चली आ रही है. बॉल ड्रॉप का मूल मकसद समय बीतने का संकेत देना होता था. सबसे पहली 'टाइम बॉल' इंग्लैंड के ग्रीनविच की रॉयल ऑब्जर्वेटरी में 1933 में लगाई गई थी. यह बॉल रोजाना दोपहर को 1 बजे नीचे आती. आसपास से गुजर रहे शिप के कैप्टन इस बॉल के हिसाब से अपने क्रोनोमीटर यंत्र को सेट किया करते थे. इंग्लैंड के ग्रीनविच की टाइम बॉल की सफलता के बाद दुनिया में करीब 150 टाइम बॉल लगाई गईं. हालांकि, उनमें से अब कुछ ही 'टाइम बॉल' बची हैं।