पटना में कल नीतीश कुमार और अमित शाह नजर आएंगे एक साथ...कांग्रेस ने इस सवाल पर कही ऐसी बात,,,।
बिहार :: राजनीतिक रूप से उर्वर बिहार की धरती पर 10 दिसंबर को दो ध्रुवों का मिलन होने जा रहा है। यह मिलन मेलमिलाप वाला होगा या तालमेल या सिर्फ मिलने वाला- यह देखना रोचक होगा। क्योंकि, इस बार देश के गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पटना आ रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक में जाने की बात पहले ही कह दी है।
यानी महागठबंधन सरकार बनने और इंडी गठबंधन के गठन के बाद पहली बार सीएम नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह आमने सामने होंगे। गृह मंत्री रविवार को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्री शाह के कार्यक्रम लेकर सियासत शुरू हो गई है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने शाह के आगमन को लेकर कहा कि उनके आने या न आने से बिहार की जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता।
मुझे खुशी होगी अगर गृह मंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के जन्मदिन पर केक काटने सदाकत आश्रम पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह तो महीना में दो बार आ ही रहे हैं। इसमें कौन सी नई बात हो गई। उनके आने से कोई असर नहीं पड़ता है। बिहार में सात पार्टियों के गठबंधन की सरकार है। इसमें भाजपा के लिए कोई जगह नहीं है। विशेष राज्य के दर्जे पर अखिलेश सिंह ने कहा कि मुझे बहुत खुशी होगी कि गृह मंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दें। लेकिन, ऐसा नहीं होगा वह बिहार के विकास के लिए नहीं सोचते हैं।
सीएम नीतीश और ओडिसा सीएम नवीन के बीच मुलाकात भी हो सकती है
इधर, मिलन कराने वाली इस बैठक में ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी हो सकती है। यह भी मायने रखेगी, क्योंकि विपक्षी दलों की पटना में 23 जून को पहली बैठक के पहले दोनों की मुलाकात का फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बन रहे भाजपा-विरोधी दलों के गठबंधन को नहीं मिला था। बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी आना है, लेकिन संभव है कि जिस तरह पटना में बैठक नहीं होने पर नीतीश ने तेजस्वी यादव को भेज दिया था, उसी तरह कुछ ममता भी करें।